सिर्फ सेक्स नहीं घरमें खिड़की रखने पर भी यहां भरने पड़ते हैं टैक्स
कोलकाता टाइम्स
दुनिया के सभी लोग टैक्स देते हैं। घर से लेकर बिजनेस तक सभी चीजों पर टैक्स भरा जाता है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे टैक्स के बारे में बताएंगे। जिसके बारे में सुनकर आप चौक जाएंगे। ऑरकैंसस एक ऐसा शहर है जहां बॉडी पर टैटू बनवाने पर टैक्स भरना पड़ता है। इतना ही नहीं टैटू के साथ-साथ कोई अगर बॉडी पियर्सिंग या इलेक्ट्रोलीसिस ट्रीटमेंट करवाता है,तो उसे भी सेल्स टैक्स के तहत 6% टैक्स देना होता है।
दाढ़ी-मूंछ रखने वालों पर टैक्स : आपको बता दें सन् 1705 में रुस के राजा पीटर द ग्रेट ने पश्चिम यूरोप के लोगों को क्लीन शेव में देखकर अपने राज्य में दाढ़ी-मूंछ रखने वालों पर टैक्स लगाया था। ऐसे लोगों को दाढ़ी टोकन दिए गए थे, ताकि पता चल सके कि इन्होने टैक्स भरा की नहीं। जो लोग टैक्स नहीं भरते थे उनकी दाढ़ी-मूंछ साफ करवा दी जाती थी।
ब्रेस्ट टैक्स : आपको यह जानकर थोडा हैरानी होगी कि यह कैसा टैक्स, मगर इतिहास में ऐसा भी हुआ है। पहले ब्रेस्ट को माप कर टैक्स कलेक्टर्स टैक्स मांगते थे। जिससे परेशान होकर एक बार तो एक महिला ने अपनी ब्रेस्ट ही काटकर टैक्स कलेक्टर के हाथ में ही दे दी थी। ब्रेस्ट टैक्स के बारे में सुनकर थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन भारत के इतिहास में यह शर्मसार करने वाला टैक्स लगाया था। यकीन नहीं हुआ न।।। जी हां, त्रावणकोर साम्राज्य के दौरान केरल में गरीब और छोटी जाति की महिलाओं पर वक्ष कर लगता था। राज परिवार की महिलाओं को छोड़कर राज्य की हर महिला को अपने शरीर ढकने के लिए शरीर टैक्स देना पड़ता था। इस अपमान से प्रेषण होकर नांगेली नामक महिला ने अपने ब्रेस्ट काटकरटैक्स लेने वाले के हाथ में थमा दिए थे। अधिक खून भ जाने के चलते उस महिला की मौत हो गई।फिर उसके बाद इस कर को बंद कर दिया गया।
यूरिन टैक्स : रोम के राजा वेस्पेशियन ने पब्लिक यूरिनल पर टैक्स सिस्टम स्टार्ट का ऐलान किया था। पब्लिक यूरिनल से एकत्रित यूरिन को काफी सारे केमिकल प्रोसेस में इस्तेमाल किया जाता था। वहां कपड़ों को धोने के लिए भी यूरिन का प्रयोग किया जाता था। जो इंडस्ट्री यूरिन खरीदती थी उन्हें टैक्स भरना पड़ता था।
बैचलर कर : आपको बता दें इंग्लैंड में जूलियस सीजर ने 1695 में और पीटर द ग्रेट ने 1702 में बैचलर टैक्स को लागू किया था। अमेरिका के एक स्टेट मिजॉरी में भी इस कानून को 21 साल से 50 साल के बैचलर पुरुषों पर लागू किया गया था। इन बैचलर्स को बाजार में बिना कपड़ों के जाना पड़ता था और अपना ही मजाक उड़ाते हुए घूमना पड़ता था।
विंडो टैक्स: इंग्लैंड के राजा विलियम तृतीय ने 1696 में विंडो टैक्स लगाया था। इस टैक्स के मुताबिक किसी घर में 10 से ज्यादा खिड़कियां होने पर 10 शिलिंग का टैक्स देना होता था। इस कानून के चलते कई लोगों ने अपने घरों में मौजूद 10 से ज्यादा खिड़कियों को बंद करा दिया था, उन टैक्सों के सबूत आज भी इमारतों में दिखाई देते हैं।
सेक्स टैक्स : हालांकि जर्मनी में देह व्यापर लीगल है, लेकिन इसके लिए यहां सेक्स टैक्स जैसे कानून बनाए गए हैं। 2004 में आए इस टैक्स कानून के तहत हर प्रॉस्टिट्यूट को शहर को 150 यूरो हर महीने देना पड़ता है। पार्ट टाइमर को अपने हर दिन के काम के लिए 6 यूरो चुकाने पड़ते हैं। इस सेक्स टैक्स की बदौलत यहां 1 मिलियन यूरो वार्षिक की आमदनी होती है।