भूलकर भी इस मंदिर में पति-पत्नी न करे पूजा, मिलेगी सजा
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कोलकाता टाइम्स
भारतीय हिन्दू समाज में जब भी पूजा पाठ की बात होती है तो यही कहा जाता है कि पति-पत्नी एक साथ आकर पूजा पाठ करें। लेकिन हिमाचल प्रदेश में एक मंदिर ऐसा है जहां दम्पति साथ में पूजा कर ही नहीं सकते। दरअसल, यहां दंपति के एक साथ पूजा करने को शुभ नहीं बल्कि अनिष्टकारी माना गया है।
पति-पत्नी साथ में नहीं कर सकते पूजा:
मिली जानकारी के अनुसार, यह मंदिर राज्य की राजधानी शिमला के रामपुर नामक स्थान पर स्थित है। हिमालय की गोद में बना यह मंदिर श्राई कोटि माता के नाम से प्रसिद्ध है। यह देवी दुर्गा को समर्पित एक प्राचीन मंदिर है, जहां पति-पत्नी को एक साथ देवी माता की पूजा और प्रतिमा का दर्शन करने की मनाही है।
दिया जाता है दंड:
यदि कोई दंपति यहां देवी दुर्गा की प्रतिमा के दर्शन एक साथ कर लेता है, तो उसे दंड भुगतना पड़ता है। यहां पति और पत्नी के लिए देवी के पूजन और दर्शन की अलग-अलग व्यवस्थाएं है। पुराणो की एक कथा के अनुसार जब भगवान शिव ने अपने दोनों पुत्रों को ब्रह्मांड के चक्कर लगाने को कहा था तो कार्तिकेय चक्कर लगाने के लिए निकल गए, लेकिन गणेश जी ने शिव औ पार्वती जी की परिक्रमा की।
ये है मान्यता:
जब इसके बाद कार्तिकेयजी ब्रह्मांड का चक्कर लगाकर आए तब तक गणेश जी का विवाह हो चुका था। इसके बाद वह गुस्सा हो गए और उन्होंने कभी विवाह न करने का संकल्प लिया। इस तरह का संकल्प लेने पर माता पार्वती को गुस्सा आ गया। तब उन्होंने कहा कि जो भी पति-पत्नी यहां उनके दर्शन करेंगे वह एक दूसरे से अलग हो जाएंगे। इस कारण आज भी यहां पति-पत्नी एक साथ पूजा नहीं करते।