July 3, 2024     Select Language
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यहां के बाजार में भ्रूण भी है जयेकेदार बिकने वाले कुछ विचित्र जनजातीय भोजन 

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कोलकाता टाइम्स
कुछ भी खा लेने के चक्कर में इंसान कई बार ऐसी चीजों को भी खा लेते हैं, जो हमें बहुत अजीब लगती है। कुछ लोग तो कुछ ऐसे जिंदा जानवरों को भी खा जाते हैं, जो उनके पेट में रेंगते रहते हैं। आपको यह जानकर बहुत आश्चर्य होगा कि कुछ लोग उन चीजों को खाकर अपनी जिंदगी को खतरे में डाल देते हैं, जिन्हें हम और आप काफी अजीब समझते हैं।
यह काफी स्वाभाविक है कि कोई जनजाति जिस भोजन को विशेष और अपनी परंपरा समझती है, वह उनकी संस्कृति और परंपरा से बाहर के लोगों के लिए अजीब हो जाता है। ज्यादातर जनजाति अपने विशेष भोजन को स्वास्थ के लिए लाभदायक मानती है। पर इनमें से कुछ भोजन ऐसे हैं जिन्हें हम पूरी तरह से विचित्र जनजातीय भोजन कह सकते हैं। ऐसे भोजनों की एक लंबी फेहरिस्त है। क्या आपको विचित्र जनजातीय भोजन पसंद है? अगर हां, तो आपको यह जानकर खुशी होगी कि इनमें से कुछ को आप बाजार से खरीद सकते हैं। अगर आप उन लोगों में से हैं, जो खाने में नए-नए प्रयोग करते हैं, तो आइए हम आपको कुछ विचित्र जनजातीय भोजन के बारे में बताते हैं, जो कि बाजार में उपलब्ध हैं।
बलूट : बत्तख या मुर्गी के अंडे को जब कुछ दिन के लिए जमीन के अंदर गाड़ कर रखा जाता है, जो यह निषेचित हो जाता है। फिलिपिंस में लोग इसे बड़े चाव से खाते हैं। समय के साथ-साथ इसकी मांग इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि अब इसे मशीनों के जरिए भी तैयार किया जाने लगा है। फिलिपिंस की गलियों में आपको यह भोजन आसानी से देखने को मिल सकता है।
कुत्ते का मांस : कुत्ते का मांस नागालैंड की जनजातियों का प्रिय भोजन है। यह नागालैंड, मिजोरम और मणिपुर के जनजातीय समुदाय की सबसे बड़ी कमजोरी है। यह विचित्र भोजन दक्षिण कोरिया के बाजार में भी उपलब्ध है, जिसे गेगोई के नाम से जाना जाता है।
मेंढक का पैर:  सिक्किम के लेपचा समुदाय के लिए मेंढक का पैर सबसे स्वादिष्ट भोजन होता है। उनका मानना है कि इसमें औषधीय गुण पाया जाता है। शहर के ज्यादातर रेस्टोरेंट में मेंढक के पैर को स्पेशल डिश के रूप में परोसा जाता है।
ईरी पोलू : रेशम के कीड़े का प्यूपा जब कोकून में बदल जाता है तो इससे ईरी पोलू भोजन तैयार किया जाता है। असम का यह परंपरागत भोजन है, जिसे खोरीसा के साथ परोसा जाता है। यहां के कई रेस्टोरेंट में आप इस विचित्र भोजन का आर्डर दे सकते हैं।
लाल चींटी की मसालेदार चटनी:  छत्तीसगढ़ का यह विचित्र जनजातीय भोजन है। यहां इस चटनी को चपराह के नाम से जाना जाता है। इसे लाल चीटी और उसके अंडे से तैयार किया जाता है। इसका स्वाद कसैला और तीखा होता है।
शराबी झींगा : यह भी एक विचित्र भोजन है। जिंदा झींगा को शराब में डुबा कर इसे तैयार किया जाता है। हालांकि इसकी उत्पत्ति चीन से हुई है, पर आज यह भारत के कई लक्जरी हॉटल और रेस्टोरेंट में मिल जाएंगे।
चूहे का मांस :  उत्तरी थाईलैंड के कारेन हिल्स की जनजाति का यह पसंदीदा भोजन है। वे तो खाने के उद्देश्य से अपने घरों में चूहों को पालते भी हैं। अगर आप कुछ अलग ट्राइ करना चाहते हैं तो चूहे का मांस आपको पसंद आएगा। रेस्टोरेंट में भी यह आपको आसानी से मिल जाएगा।
भ्रूण : अफ्रीका की कुछ जनजातियों में भ्रूण को खाना एक आम बात है। हाल में यह अमेरिका में भी काफी लोकप्रिय हो गया है। वहीं चीन के कुछ शहर भी इस भोजन के लिए जाने जाते हैं।
सांप का शराब: अगर आप शराब में कुछ अलग करना चाहते हैं तो अगली बार सांप का शराब जरूर ट्राइ करें। इसे तैयार करने के लिए सांप को राइस वाइन में मिलाया जाता है। वहीं सांप के शरीर के द्रव्य जैसे कि खून को शराब में मिलाकर भी तैयार इसे किया जाता है।

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