शून्य से शुरुवात, सिर्फ पढाई से ही अब है 100 करोड़ मासिक आय
कोलकाता टाइम्स
आपने ये तो सुना ही होगा कि कड़ी मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को पाया जाता है, फिर चाहे वो कितना ही बड़ा हो। ऐसी ही एक खबर आज हम आपके सामने ला रहे हैं, जिसे पढ़कर आप भी कहेंगे की जीरो से हीरो कोई भी बन सकता है। दरअसल, केरल के एक छोटे से गांव से पढ़ाई करने वाले बायजू रविंद्रन ने कोचिंग क्लास से शुरू कर आज ऐसा मुकाम हासिल किया है, जिसके बारे में शायद उन्होंने खुद भी नहीं सोचा होगा।
कम रकम से शुरू की कोचिंग : बायजू ने महज 2 लाख रुपए से अपनी कोचिंग क्लास शुरू की थी। बाद में उन्हें ज्यादा लोगों को एजुकेशन प्रोवाइड करने के लिए एक खास आइडिया सूझा और उन्होंने 2011 में बायजू नाम से अपना स्टार्टअप तैयार कर लिया है। आज एजुकेशन प्रोवाइड कराने वाली इस कंपनी की सालाना कमाई 260 करोड़ रुपए तक पहुंच गई है। जिसे और बढ़ाने के लिए बायजू ने 1400 करोड़ का रेवेन्यू का लक्ष्य रखा है।
ऑनलाइन टीचिंग देते हैं बायजू : रविंद्रन फुल टाइम कोचिंग क्लास चलाने लगे। वे कई और शहरों में जाकर भी कोचिंग क्लास लेते थे। बाद में उन्होंने सोचा कि क्यों न एक ही जगह रहकर अपने सभी छात्रों तक पहुंचा जा सके। यहीं उन्होंने पहली बार 2009 में CAT के लिए ऑनलाइन वीडियो बेस्ड लर्निंग प्रोग्राम शुरू किया. यह ऐसा आइडिया था, जिसके बाद से उनका एक नया सफर हुआ। जिसने पूरे देश में चर्चित करा और बुलंदियों के नये सफर तक पहुंचा दिया।
2011 में खुद की कंपनी बनाई : रविंद्रन ने बायजू नाम से 2011 में अपनी कंपनी शुरू की। जिसका फोकस CAT के अलावा चौथी से 12वीं क्लास के छात्रों को ऑनलाइन कोचिंग प्रोवाइड करने पर था। उनकी कोचिंग में छात्रों की संख्या बढ़ने लगी।
2015 में Byju’s नाम का ऐप लॉन्च किया : 2015 में रविंद्रन की कंपनी ने अपना फ्लैगशिप प्रोडक्ट Byju’s – द लर्निंग एप लॉन्च किया। यह उनके लिए गेमचेंजर साबित हुआ। स्मार्टफोन की बढ़ती लोकप्रियता के बीच उनका यह एप भी पॉपुलर होता गया।
2 करोड़ से अधिक छात्र बायजू से जुड़े : बायजू कंपनी छात्रों को ऑनलाइन कोर्स कंटेट उप्लब्ध कराती है। कुछ कंटेंट तो फ्री हैं, लेकिन एडवांस लेवल के लिए फीस देनी होती है। मौजूदा समय में Byju’s के साथ करीब 2 करोड़ छात्र रजिस्टर्ड हैं। इसमें से करीब 13 लाख पेड सब्सक्राइबर्स हैं। मौजूदा समय में बायजू के साथ 1000 से ज्यादा कर्मचारी जुड़े हुए हैं। जो धीरे-धीर बढ़ रहे हैं।