400 साल बाद भी इस गांव में नहीं हुआ किसी बच्चे का जन्म
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कोलकाता टाइम्स
भारत में अंधविश्वास की बेड़ियों में जकड़े लोगों की संख्या अभी भी बहुत अधिक है। अंधविश्वासी लोग भले ही कितनी मुसीबत में फंस जाएं खुद को उससे बाहर नहीं निकलने देते। मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के एक गांव में ऐसे ही अंधविश्वास की कहानी देखने को मिलती है। यहां के सांका जागीर गांव में 400 साल से गांव के अंदर किसी महिला ने बच्चे को जन्म नहीं दिया है।
जब बच्चे को जन्म देने का समय आता है तो अंधविश्वास के कारण गर्भवती महिला को दूसरे गांव या कम से कम गांव की सीमा से बाहर ले जाकर डिलीवरी कराई जाती है। दरअसल, गांववालों का कहना है कि यह गांव शापित है।
गांववालों के मुताबिक 16वीं शताब्दी में गांव के अंदर देवता मंदिर बना रहे थे। उस वक्त एक महिला गेहूं पीसने के लिए चक्की चला रही थी। चक्की की आवाज से देवताओं का ध्यान भंग हो गया और उन्होंने श्राप दे डाला कि इस गांव में कभी कोई महिला बच्चे को जन्म नहीं दे पाएगी। अंधविश्वास के कारण गांव के लोगों में इसे लेकर डर बैठ गया है कि अगर किसी महिला ने गांव के अंदर बच्चे को जन्म दिया तो या तो बच्चे को कोई बीमारी होगी, या मां और बच्चे में से किसी की जान चली जाएगी।
इस डर के कारण महिलाओं की डिलीवरी गांव के अंदर कभी नहीं होती। यहां तक कि अंधविश्वास के कारण गांव के ठीक बाहर एक कमरा बनवाया गया, जहां इमर्जेंसी होने पर डिलीवरी कराई जाती है। हालांकि, गांव के ही कुछ अन्य लोगों का कहना है कि किसी जमाने में यहां श्यामजी का मंदिर था। उसकी पवित्रता बनाए रखने के लिए गांव के बुजुर्गों ने महिलाओं की डिलीवरी गांव के बाहर कराने का फरमान सुनाया। इसके बाद से गुर्जर बहुल इस गांव में यह परंपरा चली आ रही है।