आँखों को हमेशा के लिए बचाना है इन्फेक्शन से तो ऐसे करें आई कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल
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कोलकाता टाइम्स
कांटेक्ट लेंस का इस्तेमाल काफी बढ़ रहा है। इससे काफी सहूलियत होती है, लेकिन जरा सी लापरवाही बरतने पर इससे आपकी आंखों में खतरनाक संक्रमण भी हो सकता है, इसलिए कांटेक्ट लेंस यूज करते समय बहुत सावधान रहें।
अगर आप कांटेक्ट लेंस यूज करते हैं तो इसको सावधानी से पहनने और उतारने की आदत बना लीजिए। इसके उपयोग में लापरवाही आंखों के लिए नुकसानदायक हो सकती है।
इंग्लैंड में हुए एक शोध के अनुसार इसकी वजह से खतरनाक नेत्र संक्रमण एकैंथअमीबा केराइटिस के मामले तिगुनी रफ्तार में बढ़ते हुए पाए गए हैं। इस बीमारी में आंखों की रोशनी तक जा सकती है।
कैसे होता है संक्रमण : एकैंथअमीबा केराइटिस गंभीर नेत्र संक्रमण है, जिसमें आंखों की ज्योति स्थायी रूप से कमजोर पड़ सकती है या व्यक्ति पूरी तरह अंधा भी हो सकता है। यह बीमारी एकैंथअमीबा नामक अमीबा के कारण होती है। इसमें कॉर्निया प्रभावित होता है। एकैंथअमीबा वातावरण में सामान्य रूप से जल स्रोतों जैसे तालाब, झीलों आदि में पाए जाते हैं।
मुख्य लक्षण : इसके लक्षण भी आंखों की अन्य परेशानियों के समान ही होती हैं, जो कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक बने रह सकते हैं। इनमें आंखों में दर्द, आंखें लाल होना, धुंधली दृष्टि, प्रकाश के प्रति संवेदनशीलता, आंखों में सनसनाहट, आंखों से पानी आना प्रमुख हैं।
शोध के दौरान 1985 से 2016 के बीच के डेटा जुटाए गए। इसमें 2000-2003 की समयावधि में इस संक्रमण के पीड़ितों में वृद्धि होनी आरंभ होती पाई गई और मामले आठ से दस रोगी प्रतिवर्ष से बढ़कर छत्तीस से पैंसठ मरीज हर साल की दर तक जाने लगे। चूंकि मूरफील्ड्स अस्पताल ही यूके में इस बीमारी के एक तिहाई पीड़ितों का उपचार करता है, अतः विशेषज्ञ उनके आंकड़ों को प्रामाणिक मानकर चल रहे हैं।
बीते सितंबर माह में ब्रिटिश जर्नल ऑफ ऑपथैल्मोलॉजी में प्रकाशित शोध नतीजों के मुताबिक जो लोग रीयूजेबल कांटेक्ट लेंस पहनते हैं और साधारण लेंस सॉल्यूशन इस्तेमाल करते या दूषित जल से उन्हें गंदा बना देते हैं, उनमें इस तरह के संक्रमण का खतरा बहुत बढ़ जाता है।
शोध दल के प्रमुख प्रो. जॉन डार्ट (यूसीएल इंस्टीट्यूट ऑफ ऑप्थैलमोलॉजी एंड मूरफील्ड्स आई हॉस्पिटल एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट) बताते हैं, ‘हालांकि यह संक्रमण जल्दी नहीं होता है।
इंग्लैंड में कांटेक्ट लेंस पहनने वाले एक लाख में से 2.5 लोगों में ही पाया जाता है और यह साध्य रोग भी है, लेकिन इसके बढ़ते मामलों को देखते हुए जरूरत है कि कांटेक्ट लेंस यूजर्स अधिक सतर्कता बरतें।’
किसे है ज्यादा खतरा : रीयूजेबल कांटेक्ट लेंस के अलावा डिसपोजेबल कांटेक्ट लेंस इस्तेमाल करने वाले लोग भी इस संक्रमण की चपेट में आ सकते हैं, अगर वे लेंस की साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देते, स्विमिंग पूल में नहाते समय, चेहरे को धोते समय या हॉट टब का उपयोग करते वक्त लेंस पहने रहते हैं। इसके अलावा गंदे पानी के संपर्क में रहना भी लेंस पहनने वाले लोगों के लिए इस बीमारी की आशंका को बढ़ा देता है।
शोधकर्ता दल के सदस्य डॉक्टर निकोल कांर्ट का कहना है, ‘हमें इस जानकारी को अधिक से अधिक लोगों में प्रसारित करने की जरूरत है। कांटेक्ट लेंस पहनने वालों को उन तरीकों को अपनाना चाहिए, जो इस बीमारी की रोकथाम में सहायक सिद्ध हुए हैं।’
1.सही लेंस केस और सॉल्यूशन का उपयोग करें।
2.लेंस पहनकर चेहरा धोने, नहाने जैसे कामों से बचें।
3.गंदे या गीले हाथों से लेंस नहीं पहनें।
4.आंखों में कोई परेशानी महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
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