July 1, 2024     Select Language
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ब्रैड को कुरकुरा ब्राउन करके तो नहीं खाते?

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कोलकाता टाइम्स 
आजकल भागदौड़ भरी जिंदगी में खान-पान को लेकर हर कोई लापरवाही बरत रहा है। हैल्दी फूड खाने की बजाए झट से बननेे वाला और चटपटा,मसालेदार खाना ज्यादा पसंद किया जाने लगा है। ब्रैड,स्नैक्स, चिप्स तो जैसे लोगोें की लाइफस्टाइल का खास हिस्सा बन गए है। कई वैज्ञानिक तो कैंसर फैलने की बड़ी वजह भी खाने की गलत आदतें ही मानते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार, ज्यादा तापमान पर पके खाने में एक्रिलामाइड नाम का तत्व पैदा हो जाता है जो सेहत के लिए नुकसानदायक है। अब कुरकुरी ब्रैड को ही ले लीजिए, खाने में स्वाद बढ़ाने के चक्कर में लोग ब्रेड को ज्यादा तापमान पर पका लेते हैं,जिससे खाने में एक्रिलामाइड नाम का यह रसायन पैदा हो जाता है। बाद में यही रसायन बाद में सेहत के लिए भारी पड़ता है। यह रसायन चिप्स,ब्रेड,दालों, बिस्किट, क्रैक्स, केक और कॉफी में जो 120 डिग्री सेल्सियस तक पकाए जाते हैं,उसमें पाया जाता है। इसका ज्यादा मात्रा में सेवन करने से कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है।

जितना ज्यादा पका खाना उतना ज्यादा एक्रिलामाइड
जरूरत से ज्यादा तापमान पर पकाए गए ब्रैड टोस्ट में एक्रिलामाइड की मात्रा भी बढ़ जाती है। जब ब्रैड का रंग भूरा होने लगता है तब इसमें एमीनो एसीड,शर्करा मिलकर एक्रिलामाइड बनते हैं। जिससे ब्रैड में सुगंध भी पैदा होनी शुरू हो जाती है। फूड स्टैंडर्स एजेंसी (एफएसए) ने खाने से को ज्यादा पका कर न खाने की सलाह दी है।

इन रोग का कारण भी बन सकता है एक्रिलामाइड 
– शोध में यह बात सामने आई है कि इस रसायन के साथ कैसर होना का खतरा तो बढता ही है साथ ही इससे प्रजनने क्षमता पर भी बुरी असर पड़ता है।

– इसके अलावा इस शोध में यह भी कहा गया है कि आलू को फ्रिज में रखने से भी इसमें शर्करा बढ़ जाती है। जब इसे पकाया जाता तो इसमें एक्रिलामाइड जैसा खतरनाक रसायन पैदा हो जाती है। इससे सेहत को बहुत नुकसान हो सकता है।

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