141 साल बाद भी नहीं टुटा
कोलकाता टाइम्स
क्रिकेट आंकड़ों का खेल है। खिलाड़ी गेंद और बल्ले की मदद से आंकड़े दर्ज़ कराते है और ये आंकड़े ही रिकॉर्ड बनाते हैं। इन रिकॉर्ड्स की वजह से ही इतिहास रचा जाता है। इस खेल को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शुरू हुए 141 साल हो गए हैं। इतने सालों में ढेर सारे रिकॉर्ड्स बने और टूटे, लेकिन कुछ कीर्तिमान ऐसे भी हैं, जिन्हें आजतक कोई भी नहीं तोड़ सका है। तो चलिए आपको बताते है उन रिकॉर्डस के बारे में जिन्हें आजतक कोई नहीं तोड़ सका है।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के सभी (टेस्ट, वनडे और टी-20) फॉर्मेट में कुल रनों की बात की जाए तो सचिन के नाम 34357 रन हैं। सचिन के बाद अभी तक दुनिया का कोई भी बल्लेबाज 30 हजार का आंकड़ा भी नहीं छू पाया है। वर्तमान में क्रिकेट खेल रहे खिलाड़ियों में फिलहाल विराट कोहली सबसे आगे हैं लेकिन उनके नाम अभी 509 रन हैं। वह इस मामले में सचिन से बहुत पीछे हैं। इसम मामले में विराट को सचिन को पछाड़ने के लिए अभी लंबा सफर तय करना होगा।
ऑस्ट्रेलिया के डॉन ब्रेडमैन के नाम टेस्ट क्रिकेट में ऐसा रिकॉर्ड है जिसका टूट पाना असंभव लगता है। ब्रेडमैन का टेस्ट में औसत 99.94 का रहा। उन्हें करियर के अंतिम टेस्ट मैच में अपना औसत 100 के पार करने में केवल चार रन की दरकार थी लेकिन वह चूक गए। ब्रैडमैन ने करियर में 52 टेस्ट मैच खेले और कुल 6996 रन बनाए। उनके नाम शतक और 13 अर्धशतक दर्ज हैं।
श्रीलंकाई लेग स्पिनर मुथैया मुरलीधरन के विकेटों के रिकॉर्ड को तोड़ पाना किसी भी गेंदबाज के लिए दूर की कौड़ी सा लगता है। मुरलीधरन ने 133 टेस्ट मैचों में कुल 800 विकेट झटके।
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर सर जैक होब्स प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर में 834 मैच खेले जिनमें कुल 61760 रन बनाए। इसके अलावा उनके नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 9 शतक और 273 अर्धशतक दर्ज हैं। यह रिकॉर्ड टूटना भी असंभव है।
इंग्लैंड के पूर्व क्रिकेटर सर जैक होब्स प्रथम श्रेणी क्रिकेट करियर में 834 मैच खेले जिनमें कुल 61760 रन बनाए। इसके अलावा उनके नाम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में 9 शतक और 273 अर्धशतक दर्ज हैं। यह रिकॉर्ड टूटना भी असंभव है।
वेस्टइंडीज के दिग्गज बल्लेबाज ब्रायन लारा के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे तोड़ पाना किसी भी बल्लेबाज के लिए काफी मुश्किल है। लारा ने टेस्ट मैच की एक पारी में 400 रन बनाए हैं। लारा ने 582 गेंदों की अपनी पारी में 43 चौके और चार छक्के जड़े। वह अपनी इस पारी के दौरान 778 मिनट तक मैदान पर रहे।