जनरल से सच्ची मोहब्बत का खिलजी को मिला रूह कँपा देने वाला अंजाम !
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कोलकाता टाइम्स
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावती’ से रणवीर सिंह का लुक आउट तो आपको याद ही होगा ? रणवीर सिंह ने फिल्म में क्रूर शासक अल्लाउद्दीन खिलजी की भूमिका निभाई। फिल्म में अलाउद्दीन खिलजी का रानी पद्मावती के लिए जुनून दिखाया गया । लेकिन असल जिंदगी में खिलजी का एक और रिश्ता रहा है जिसपर खूब चर्चाएं और बहसें हुई हैं। ये रिश्ता था खिलजी और उनके जनरल रहे मलिक काफूर के बीच।
मलिक काफूर खिलजी के सिर्फ गुलाम-जनरल नहीं थे, बल्कि दोनों के बीच जिस्मानी रिश्ते भी थे। कई इताहासकार दोनों के रिश्तों की बात बताते आए हैं और फिल्म में भी दोनों के रिश्ते पर प्रकाश डाला जाएगा। दोनों के रिश्ते से प्रमाण मिलता है कि इतिहास में शासकों के बाईसेक्सुअल रिश्ते हुआ करते थे।
काफूर को खिलजी के तब जनरल रहे नुसरत खान ने गुजरात पर चढ़ाई के दौरान खरीदा था। नुसरत ने काफूर को हजार दीनार देकर खरीदा था जिसके बाद उन्हें हजारदिनारी भी कहा गया था। गुलाम बनने के बाद काफूर का खिलजी की सेना में कद बढ़ता गया। वो जल्द ही खिलजी का सबसे विश्वासपात्र शख्स बन गया और उसने काफूर को अपनी सेना का मलिक नियुक्त किया।काफूर की रणनीति और यौवन पर खिलजी मंत्रमुग्ध था। अपने आखिरी के दिनों में जब खिलजी बीमारी से जूझ रहा था तब काफूर और उसके रिश्ते और भी गहरे हो गए थे। बीमारी के चलते खिलजी ने शासन की पूरी कमान काफूर के हाथों में दे दी थी। सभी बड़े फैसले काफूर ही लेने लगा था। खिलजी ने अपना सबकुछ काफूर के नाम कर दिया लेकिन इसका अंजाम काफी दर्दनाक रहा। जैसे-जैसे खिलजी का काफूर के लिए प्यार बढ़ता गया और काफूर का धन-दौलत-शोहरत के लिए जुनून।
कई इतिहासकारों के मुताबिक काफूर ने शासन हड़पने के लिए खिलजी को धीरे-धीरे मौत के कुएं में धकेल दिया। उसने खिलजी को नजरबंद कर धीमा जहर देना शुरू कर दिया और उसकी हत्या के बार बाद बेटों को भी अंधा कर दिया। काफूर की दरिंदगी यहीं नहीं रुकी, उसने खिलजी की बेगमों को भी कैदी बना लिया। काफूर के सिर शासक बनने का ऐसा जुनून सवार हुआ कि उसने कत्ल-ए-आम मचा दिया।