काम ना आया मीर का हुलिया बदलना, अब कभी नहीं मिल पाएंगे माँ-बाप से
कोलकाता टाइम्स
दाढ़ी काटकर हुलिया बदलना भी काम ना आया। शहीद सी.आई.डी. ऑफिसर इम्तियाज अहमद मीर की अपने माता-पिता से मिलने की इच्छा अधूरी ही रह गयी। आतंकवादियों से जान खतरा जानते हुए भी अपने माता-पिता को देखने के लिए बेकरार मीर अपनी दाढ़ी काट ली और अपना पूरा हुलिया बदल लिया था ताकि आतंकवादियों से बचते-बचाते वह अपने माता-पिता से मिलने जा सकें, लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया और आतंकवादियों ने उन्हें पहचान कर उनकी जान ले ली। शहीद मीर के एक सहकर्मी ने यह जानकारी दी।
घटनाक्रम से जुड़े एक अधिकारी के अनुसार मीर को उनके गांव में न जाने की चेतावनी दी गई थी, क्योंकि डर था कि आतंकवादी उन पर हमला कर सकते हैं, लेकिन वह अपने माता-पिता को देखने के लिए बेकरार थे जो पुलवामा जिले के अंदरूनी इलाके में सोनता बाग में रहते हैं।
अधिकारी ने बताया कि रबिबार सुबह उन्होंने घर जाने के लिए छुट्टी ली और अपना हुलिया बदल लिया और अपने पैतृक गांव जाने के लिए अपने व्यक्तिगत वाहन का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया। घर के लिए रवाना होने से पहले संभवत: उन्होंने अपने अधिकारी से आखिरी बार कहा था, ‘‘अब वे (आतंकी) मुझे नहीं पहचान पाएंगे।’’
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार पुलवामा जिले में रविवार दोपहर इम्तियाज अहमद मीर निजी कार में यात्रा कर रहे थे। इस दौरान बंदूकधारी आतंकियों ने उनका अपहरण कर लिया और पास के रुमशी नल्ला में ले गए, जहां पर बाद में गोली मारकर हत्या कर दी गई।