फेंके नहीं, अब प्याज के छिलके से बनेगी बिजली
कोलकाता टाइम्स
खडग़पुर के वैज्ञानिकों ने प्याज के छिलकों के इस्तेमाल से एक ऐसा कम मूल्य वाला उपकरण निर्मित किया है, जो शरीर की गति का इस्तेमाल कर ‘हरित’ विद्युत उत्पादन करने में सक्षम है। शोधकर्ताओँ ने बताया कि यह गैर विषाक्त, जैविक तरीके से सडऩशील उपकरण प्याज के छिलके के उपयुक्त विद्युत आवेश संबंधी (पीजियोइलेक्ट्रिक) गुणों का इस्तेमाल करता है। पीजियोइलेक्ट्रिक चीजों में हर दिन की यांत्रिक गति से ऊर्जा को बिजली में बदलने की क्षमता होती है। पश्चिम बंगाल स्थित संस्थान के प्रोफेसर भानू भूषण खटुआ ने बताया कि हाथ से बनाया गया यह सस्ता उपकरण बड़ी सफलता है।
आम लोग भी इससे बहुत कम लागत पर विद्युत उत्पादन कर सकते हैं। शोधकर्ताओँ ने कहा कि पीजोइलेक्ट्रिक चीजों के इस्तेमाल से प्रदूषण फैलाए बिना केवल शरीर की गति को हरित ऊर्जा में बदला जा सकता है। यह अध्ययन ‘नैनोएनर्जी’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है। शोधकर्ताओं में आईआईटी के सुमंता कुमार करण और संदीप मैती शामिल हैं। दोनों ने इस बात की उम्मीद जताई कि यह तकनीक जल्द ही व्यावसायिक इस्तेमाल में लाई जा सकती है। व्यवहारिक उपयोग से पहले थोड़ा और शोध करने की जरूरत है।