May 20, 2024     Select Language
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हैरान कर देगा दिन के उजाले में छुपा जख्म ठीक करने का यह राज

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कोलकाता टाइम्स :

यूं तो सामान्य तौर पर लगी मामूली सी चोट भी दर्द और तकलीफ दोनों बढ़ा देती है। लेकिन अगर आपको चोट दिन में लगती है, तो एक बार आप खैर मना सकते हैं। दिन में लगी चोट रात की चोट के मुकाबले जल्दी ठीक होती है। इंग्लैंड में कैंब्रिज की आणविक जीवविज्ञान प्रयोगशाला से जुड़े नथानिएल होल एवं उनकी टीम ने इस बात की जांच की है कि दिन का समय जख्म को ठीक करने के लिए किस तरह प्रभावी है। इस दौरान उन्होंने पाया कि त्वचा की कोशिकाओं में मौजूद एक प्रकार के जीन भी दिन-रात के चक्र के हिसाब से ऑन और ऑफ होते हैं।

यह कोशिकाएं फाइब्रोब्लास्ट्स कहलाती हैं, जो कि त्वचा पर के कटने-फटने के बाद लगे जख्म को भरने में मदद करती हैं। कुछ जीन्स की गतिविधियां दिनभर परिवर्तित होती रहती हैं, वह जख्म के ठीक होने की इस प्रक्रिया को नियंत्रित करने में अहम भूमिका निभाते हैं। जीन की गतिविधियों में दिन-रात होने वाले बदलाव से चकित होकर टीम ने इंग्लैंड के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में बर्न इंजरी यूनिट के विशेषज्ञ द्वारा एकत्र आंकड़ों के विश्लेषण का फैसला किया। इसमें उन्होंने पाया कि औसतन दिन में लगे जख्म तेज गति से ठीक होते हैं। इनके ठीक होने की अवधि तकरीबन 17 दिन होती है। वहीं तुलनात्मक रूप से देखा जाए, तो रात के समय लगे वैसे ही जख्म को ठीक होने में 28 दिन का समय लगता है।

होल का कहना है कि हमने नतीजों में पाया कि आपकी चोट कितनी जल्दी ठीक होती है, यह इस पर निर्भर करता है कि चोट किस समय लगी। दिन में लगी चोट 60 गुना तेज रफ्तार से ठीक होती है। त्वचा पर जख्म होने के बाद फाइब्रोब्लास्ट सेल्स जख्म पर तेजी से काम करते हैं और एक मैट्रिक्स को सुरक्षित करते हैं, जो त्वचा की कोशिकाओं को क्रियाशील, विकसित होने में मदद करता है तथा जख्म को तेजी से ठीक करता है। बर्न डाटा से पहले शोधकर्ताओं की टीम ने चूहों पर एक परीक्षण करके भी परिणाम प्राप्त किए। इसमें पाया कि चूहे की सोने की अवधि की अपेक्षा जागने वाली अवधि के दौरान फाइब्रोब्लास्ट्स उसके जख्स की तरफ ज्यादा तेजी से सक्रिय हुए।

इससे स्पष्ट होता है कि हमारे जागे रहने के दौरान यह जीन अधिक सक्रिय रहते हैं। करीब 30 जीन का यह समूह ही फ्राइब्रोब्लास्ट कोशिकाओं द्वारा इस्तेमाल होने वाले प्रोटीन और एक्शन को नियंत्रित करते हैं। होल का कहना है कि परीक्षण के यह नतीजे चिकित्सकीय तौर पर काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।

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