May 20, 2024     Select Language
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देखना है देशी-विदेशी कलाकारी बेजोड़ नमूना एकसाथ तो अवश्य जायें फलटण 

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कोलकाता टाइम्स :

महाराष्ट्र में स्थित छोटी सी नगरी फलटण में पेशवाओं के इतिहास और रंग-बिरंगी संस्कृति की खूबसूरत झलकियां देखने को मिलती हैं। पुणे से 100 किमी की दूरी पर स्थित फलटण मराठा पेशवाओं की राजधानी रही है। सबसे खास बात जो इस जगह की है वो है कि यह कस्बा महाराष्ट्र के सबसे कम प्रदूषित इलाकों में अव्वल है।खूबसूरती के साथ-साथ ये जगह एक इतिहास भी समेटे हुए है। वैसे महाराष्ट्र की ज्यादातर चीज़ें शिवाजी महाराज से जुड़ी हुई हैं। किले हों या महल, उनकी छाप हर एक जगह नज़र आती है। पराक्रम, कला और बेजोड़ता महज उनके व्यक्तित्व तक ही सीमित नहीं थी। उसकी मिसाल आपको शहर और इनमें रची-बसी चीज़ों में भी नज़र आएगा।

साल 1861 में तैयार हुआ था। इसे देखते ही नजर मानो ठहर जाती है और आंखें महल के कंगूरों पर जाकर अटक जाती हैं। ब्रिटिश काल के समय के इस महल का वास्तुशिल्प दो अलग हाथों का है। एक विदेशी और एक स्वदेशी। दो अलग हाथों की छाप लिए इस महल की आंतरिक सज्जा में सागवान लकड़ी की नक्काशी का काम बहुत महीन और नफीस है। इसकी छत से टंगे रंगीन कांच के बड़े-बड़े झाड़-फानूस महल की शोभा में चार चांद लगा देते हैं। खालिस चांदी का जड़ाऊ झूला और सोफा-सेट की रुपहली चमक बिजली की कौंध बन उतर आती है आंखों में। यह राजवाड़ा स्थापत्य शिल्प का अनूठा नमूना है इतिहास में।

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