July 7, 2024     Select Language
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10 साल में 650 से ज्यादा एग्जाम, हैरान कर देगा वजह !

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कोलकाता टाइम्स :

बेंगलुरु की रहने वाली प्रिया एक अच्‍छी कंपनी में काम करती हैं। उनकी जीनवशैली भी शानदार है क्‍योकि उन्‍हें अच्छी तनख्‍वाह मिलती है। इसके बावजूद प्रिया अपनी जिंदगी में मस्‍त रहने के लिए कुछ खास करके खुशी हासिल करती हैं। ‘पुष्पा प्रिया’ नाम की 30 साल की यह लड़की तमाम दिव्यांगों की मदद के लिए उनकी परीक्षा में प्रश्‍नपत्र के उत्‍तर लिखने का काम करती है। तमाम ऐसे दृष्टिहीन और दिव्यांग छात्र जो अपने परीक्षा पत्र लिख नहीं सकते, प्रिया आधिकारिक रूप से उनके साथ परीक्ष भवन में बैठकर उनकी उत्‍तरपुस्‍तिका में लिखती हैं। पिछले करीब 10 सालों के दौरान प्रिया 650 से ज्‍यादा एग्‍जाम दे चुकी हैं। ऐसा काम करके वो तमाम दिव्‍यांगों के करियर और जिंदगी को संवारने में शायद सबसे बड़ा योगदान देती हैं।

प्रिया इतने सारे दिव्यांग लोगों की मदद क्यों करती हैं? इसके पीछे भी तो कोई गहरी वजह होगी। जी हां प्रिया बताती हैं कि उनकी खुद की पढ़ाई के दौरान उनका परिवार काफी गरीब था और परीक्षा की फीस भरने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इस कारण उन्हें एक बार अपने परीक्षा भवन से बाहर निकाल दिया गया था। ये बात उन्हें हमेशा चुभती रही और इन दिव्यांग लोगों के पेपर लिखकर उन्हें यह एहसास होता है कि वो भले ही बड़ी मुश्किल से अपनी पढ़ाई पूरी कर पाईं और अपना करियर बना पाईं लेकिन दूसरों को इस तरह की परेशानी ना उठानी पड़े। तभी तो प्रिया अपने व्‍यस्‍त जीवन और नौकरी से समय निकालकर ऐसा करती हैं। प्रिया सच में उन तमाम दिव्यांगों और दृष्टिहीनों के लिए उम्मीद की किरण और प्रेरणा स्रोत हैं, क्योंकि प्रिया की वजह से ही वो लोग तमाम कठिनाइयों के बावजूद अपने अच्छे भविष्य की उम्मीद कर पाते हैं।

पहली बार साल 2007 में प्रिया ने एक डाउन सिंड्रोम बीमारी से पीड़ित बच्चे का पेपर लिखा। ऐसा करने के बाद प्रिया को यह अनुभव हुआ कि जब वो किसी छात्र का पेपर लिखती है तो उनके लिखने का उस बच्चे के परीक्षा फल और उसके भविष्‍य पर गहरा प्रभाव होता है। यही वजह है कि प्रिया की कोशिश होती है कि वो बच्चा परीक्षा के दौरान भले ही दवाब में या तनाव में हो लेकिन वो खुद शांत रहकर उसे प्रश्‍नपत्र में दिया सवाल अच्‍छे से समझाती हैं और उसके उत्तर को ठीक से समझकर उसे उत्‍तर पुस्‍तिका पर लिखती हैं। पेपर अच्छे से अच्छा दिया जा सके इसके लिए प्रिया को बहुत ही धैर्य और संयम से काम लेना होता है क्योंकि कई बार परीक्षा में आए सवाल, बच्चों को बार बार समझाने पड़ते हैं ताकि वो उसका सही उत्तर दे सकें।

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