जुबान पर गर्म सलाखें रख लाई डिटेक्टर टेस्ट, सुनकर ही सच बोलने लगे खुंखार अपराधी भी
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कोलकाता टाइम्स :
आम तौर पर मजे हुए अपराधियों से सच बुलवाने के लिए लाई डिटेक्टर टेस्ट किया जाता है। जो की मशीनों द्वारा पॉलीग्राफ और ब्रेन मैपिंग टेस्ट किया जाता है। यह आसानी से बिना कोई यातना दिए बिना ही होता है। लेकिन पुराने ज़माने में ऐसे लाई डिटेक्टर टेस्ट होते थे जिसे सुन रूह काँप उठेगी।
हैरत की बात यह है मिस्र में आज भी सैंकड़ों साल पुराने उस तरीके का इस्तेमाल होता है जिससे आजमाना तो दूर सुनकर ही बड़े से बड़ा से बड़ा अपराधी भी सच बोलना शुरू कर दे।
यहां के आयीदाहा कबीले के लोग विशाह परंपरा का इस्तेमाल करते हैं। इसमें लोहे के एक रॉड को आग मं तपाया जाता है। इसके बाद उसे आरोपी के जीभ पर लगाया जाता है। उनका मन्ना है कि जो अपराधी होगा उसके जीभ पर फफोले निकल आएंगे।
आयीदाहा कबीले का मन्ना है की झूठे इंसान के जीभ सूखे होते हैं इसलिए फफोले निकल आता है जबकि निर्दोष की जीबन पर लार रहती है जिससे गर्म रॉड का असर नहीं होता। अब यह बाटे कितने पुराणी और यातनादायक है यह तो भुगतने वाला अपराधी और निर्दोष दोनों ही मह्सुश करते हैं।