July 5, 2024     Select Language
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ये लक्षण करते हैं कान के कैंसर के तरफ इशारा, गलती से भी नजरअंदाज न करें

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कोलकाता टाइम्स :

कान में होने वाला कैंसर एक ट्यूमर के रुप में कान के अंदर व बाहर दोनों जगह पर हो सकता है। इन कैंसर की कोशिकाओं को चिकित्सीय भाषा में स्कावमस सेल कार्सीनोमा के नाम से भी जाना जाता है।
यह कैंसर धीरे-धीरे पूरे शरीर में फैलने लगता है। किसी भी तरह का कैंसर होने से पहले कुछ जरूरी संकेत जरूर देता है जिन्हें लोग अक्सर अनदेखा कर देते है।

कान से पानी या खून निकलना :  कान से पानी जैसा लिक्विड या खून निकलता है तो इसे इग्नोर बिल्कुल न करें। ये कान के कैंसर का सबसे मुख्‍य लक्षण होता है।कानों से न‍िकलते बाल है खतरे की घंटी, जानिए कैसे पाएं इनसे छुटकारा।

कान का इंफेक्‍शन : अगर कान में दर्द या इंफैक्शन हो तो इसे अनदेखा न करें या कोई मामूली प्रॉबल्म न समझें क्योंकि यह गंभीर समस्या हो सकती है।

कान बंद होना : कई बार क्या होता है कि कान में पानी चले जाने की वजह से वह बंद हो जाते है। परन्तु किसी वजह से सुनाई देना बंद हो जाए तो इसे हलके में न लें।

कान में खुजली : वैसे तो कान में जमीा मैल की वजह से कानों में खुजली होने लगती है लेकिन अगर कान में ज्यादा समय तक खुजली हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से चैक करवाएं।

कान का दर्द : अगर मुंह खोलते समय कानों में तेज दर्द हने लगे तो भी कान के कैंसर का खतरा हो सकता है। इसलिए इस संकेत को अनदेखा बिल्कुल न करें।
सुनाई देना बंद होना : अगर मरीज को पूरी तरह से सुनाई देना बंद हो गया है तो यह कान के कैंसर का लक्षण हो सकता है। इस तरह के मामलों में मरीज को अक्‍सर कान के दर्द के साथ ही सिर दर्द व चक्कर आने की शिकायत होती है। इसके अलावा मरीज के कानों का बजना, अल्‍सर की शुरुआत व रक्त का निकलना जैसी समस्याएं भी देखी जाती हैं।
कान का पर्दा क्षतिग्रस्त होना जब भी कान का पर्दा क्षतिग्रस्‍त होता है तो पीला व सफेद पदार्थ निकलता है। यह संकेत है कि मरीज का कान का पर्दा फट चुका है। इसका मुख्य कारण है तेज ध्वनि, कान में बाह्य वस्तु का प्रयोग, इअर ट्रॉमा आदि।

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