November 23, 2024     Select Language
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मौत के बाद 16 साल का जयदीप लौटा 4 साल का बादल बन 

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कोलकाता टाइम्स : 

हिंदू धर्म पुनर्जन्म को मानता है. हमारे शास्त्र में इस बात का उल्लेख कई जगहों पर किया गया है। लेकिन वास्तव में ऐसा कुछ सामने आ जाये तो हैरानी की बात तो है ही साथ में विस्वास करना भी थोड़ा कठिन है।

आनंद जिले की यह कहानी है इस जन्म के बादल और पूर्व जन्म के जयदीप की. जयदीप का जन्म अहमदाबाद के बावला तालुका, रास गांव में एक ठाकोर परिवार में हुआ था। जयदीप जब 16 साल का था उस दौरान रणुजा यात्रा के दौरान ही उसकी मौत हो गई थी।  इस घटना से पूरे परिवार की खुशी मातम में बदल गई। जयदीप अपने दादा कनुभाई ठाकोर के साथ इस यात्रा पर गया था जब उसकी मौत हो गई थी.

चार साल बाद कनुभाई ठाकोर एकबार फिर से रणुजा यात्रा पर निकले तो चार साल का बादल उन्हें दादा-दादा कहते हुए गले से लिपट गया। कनुभाई की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. उनका पोता उन्हें वापस मिल चुका था। इस घटना के बाद मनुभाई का बादल से पोते जयदीप जैसा ही लगाव हो गया क्योंकि इस चार साल के बच्चे की सभी आदतें जयदीप से मिलती जुलती थी। बादल सोलंकी आनंद जिले के पेटलाद का रहने वाला है। वह बार-बार अपने इस जन्म के माता-पिता को अपने दादाजी से मिलने की जिद करने लगा। तब बादल के माता-पिता उसे आनंद से लेकर अहमदाबाद के बावला पहुंचे।

बादल अपने गांव के सभी रास्तों को अच्छे से जानता था. वह अपने आप ही कनुभाई के घर में घुस गया। इस पुनर्जन्म की खास बात यह है कि जयदीप के मरने की तारीख और बादल के जन्म की तारीख एक ही है। जयदीप की मौत 13 मार्च 2014 को रात के बारह बजे के आसपास हुई थी। उसी वक्त बादल का भी जन्म हुआ था।

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