महज 10 सेकेंड मं नारियल बताएगा आपका ब्लडग्रुप
आमतौर पर नारियल सिर्फ मंदिरों में फोड़ने के काम आता है लेकिन कोई कहे कि यह आपका ब्लड ग्रुप बता सकता है तो सहसा विश्वास नहीं होता। गुहा का दावा है कि वह इससे भरा और खाली सिलेंडर, जमीन के अंदर का पानी, भूमिगत सुरंगों की भी पहचान कर सकते हैं। विभिन्न ब्लड ग्रुप में नारियल अलग-अलग दिशा में क्यों मुड़ता है, इसका वैज्ञानिक कारण जानने के लिए वह अब शोध कर रहे हैं। चिकित्सा विान के मुताबिक 8 ब्लड ग्रुप ए पॉजीटिव, ए निगेटिव, एबी पॉजीटिव, एबी निगेटिव, बी पॉजीटिव, बी निगेटिव, ओ पॉजीटिव और ओ निगेटिव होते हैं। गुहा बताते हैं कि इनमें से 5 ब्लड ग्रुप ए पॉजीटिव, एबी पॉजीटिव, बी पॉजीटिव, ओ पॉजीटिव और ओ निगेटिव को वह नारियल से पहचान सकते हैं। बाकी तीन को लेकर भी शोध हो रहा है। चूंकि ये तीनों ब्लड ग्रुप वाले लोगों की संख्या बहुत कम हैं, इसलिए इन्हें पहचानने में समय लग रहा है।
आखिर अलग-अलग ब्लड ग्रुप में नारियल अलग दिशा में क्यों मुड़ जाता है, इसका वैज्ञानिक कारण गुहा खुद नहीं जानते। गुहा इसे पता लगाने के लिए अब शोध कर रहे हैं। इस काम में उनकी मदद कर रही हैं उनकी बेटी सोनाली, मोनाली और बेटा आयुष। कंप्यूटर साइंस में इंजीनियरिंग कर रहे उनके तीनों बच्चों को जल्द ही इससे संबंधित वैानिक कारण पता लगने की उम्मीद है। पत्नी मीनाक्षी भी अब इस कला में विशेषा हो चुकी हैं। गुहा बताते हैं कि किसी भी व्यक्ति के सिर से थोड़ा ऊपर हथेली में नारियल लें। थोड़ी देर में नारियल अलग दिशा में मुड़ जाता है। जिस जगह भूमिगत पानी, या जल आपूर्ति की पाइपलाइन हो, वहां नारियल सही नतीजे नहीं बताता। ए पॉजीटिव ब्लड ग्रुप होने पर नारियल 45 डिग्री की पोजिशन लेता है। एबी पॉजीटिव में 45 से 55 डिग्री, बी पॉजीटिव में 60 डिग्री, ओ पॉजीटिव में 90 और ओ नेगेटिव में 180 डिग्री की पोजीशन ले लेता है।
गुहा ने बताया कि साल 2005 में बलौदाबाजार के एक स्कूल में पानी के अच्छे स्नोत का पता लगाने के लिए मुडो बुलाया गया था। वहां के बच्चे बहुत शरारत कर रहे थे, उन्हें शांत कराने के लिए मैंने उनसे कहा कि तुम सब एक लाइन में खड़े हो जाओ, मैं जांचूंगा कि तुममें पानी है या नहीं। मजाक-मजाक में किए गए इस परीक्षण के दौरान मैंने देखा कि कुछ बच्चों के सिर से थोड़ा ऊपर हथेली पर रखा नारियल 90 डिग्री में खड़ा हो गया। मैंने यही प्रयोग घर आकर अपने बच्चों पर किया। फिर, वही हुआ। लैब में बच्चों का ब्लड ग्रुप चेक कराया तो वो ओ पॉजीटिव निकला। बस यहीं से मेरा ये सफर शुरू हो गया। बहरहाल राजधानी का यह गुहा परिवार शोध के बाद कुछ और नई जानकारियां सामने लाने में जुटा हुआ है।