May 20, 2024     Select Language
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वाशिंग मशीन में कपडे नहीं गाजर धोकर छा गया यह गांव

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कोलकाता टाइम्स : 

राजस्थान-पंजाब सीमा के नजदीक श्रीगंगानगर जिले में बसा साधुवाली गांव गाजर की वजह से देशभर में पहचान बना रहा है। इससे न केवल यहां के किसानों को छप्परफाड़ कमाई हो रही है बल्कि लोगों को रोजगार भी उपलब्ध हो रहा है।

करीब सात हजार की आबादी वाले इसे गांव के लोग मुख्य तौर पर खेतीबाड़ी पर निर्भर हैं। पिछले कुछ समय से यहां के किसानों ने परंपरागत खेती के साथ साथ गाजर के उत्पादन में दिलचस्पी दिखाई। देखते ही देखते ही सभी किसानों ने गाजर उत्पादन में अपना रुझान दिखाना शुरू किया। यहां उत्पादन होने वाली गाजर अलग ही मिठास की मानी जा रही है। इसकी वजह से अब देश के कई हिस्सों में यहां से गाजरें जाने लगी हैं। इस गांव के गाजर की वजह से मशहूर होने का कारण एक और भी है और वह कारण है यहां के किसानों द्वारा गाजर धोने के लिए तैयार की गई वाशिंग मशीन। यह कोई कपड़े धोने वाली नहीं बल्कि किसानों द्वारा तैयार की गई देसी मशीन है। किसान मांगीलाल की मानें तो जब उन्होंने यहां पर गाजर उत्पादन शुरू किया तो गाजर को धोकर पैक करने की समस्या आड़े आई। ऐसे में किसानों ने ही अपना दिमाग चलाते हुए एक मशीन अविष्कार कर दिया। इस मशीन को एक इंजन के सहारे चला जा रहा है। किसान अमर सिंह ने बताया कि मशीन से एक ही वक्त में कई किवंटल गाजर धोई जा रही हैं, जिससे गाजर धुलने के बाद चमक उठती है और हर एक को अपनी तरफ आकर्षित करती है। किसानों ने बताया कि मशीन उनके लिए काफी कारगर साबित हुई है, क्योंकि इससे पहले वे गाजर धोने के लिए काफी मशक्कत करते थे। उसमें वक्त भी ज्यादा लगता था। हमारी यह देशी वाशिंग मशीन लगा देने से यहां पर प्रवासी श्रमिक भी आए हैं और उन्हें भी रोजगार मुहैया हुआ है। 

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