इस क़ातिल के बारे में आपने कभी नहीं सुना होगा
कोलकाता टाइम्स : ब्रिटेन में हर साल जितने लोग आंत, स्तन और प्रोस्टेट कैंसर से मरते हैं, उससे कहीं ज़्यादा लोग इस बीमारी से मरते हैं। नौ महीने की उम्र में पैट्रिक ने एक सुबह ख़ुद को अस्वस्थ महसूस किया। वह बिल्कुल बेहोशी की हालत में थे। पैट्रिक के परिवार वालों ने कहा कि उन्हें कैलपोल की ज़रूरत थी। हालांकि पैट्रिक की मां को लगा कि मामला कैलोपल तक ही सीमित नहीं है और हॉस्पिटल ले जाने की ज़रूरत है। हॉस्पिटल पहुंचते-पहुंचते ही पैट्रिक की स्थिति बदतर हो गई थी। पैट्रिक ने कहा कि यह सब कुछ अचानक हुआ था। हॉस्पिटल पहुंचने तक कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया था। पैट्रिक साढ़े तीन महीने तक लंदन के सेंट मैरी हॉ़स्पिटल में भर्ती रहे। इस दौरान उन्होंने दाएं पैर के घुटने के नीचे का हिस्सा गंवा दिया। इसके साथ ही बायां बाजू और दाएं हाथ की उंगलियां भी नहीं रहीं।
19 साल के पैट्रिक अभी एडिनबरा यूनिवर्सिटी में बायोकमेस्ट्री की पढ़ाई कर रहे हैं। आख़िर पैट्रिक को हुआ था? उनके शरीर में इंफ़ेक्शन के कारण रोगाणु फैले थे, लेकिन पैट्रिक को समस्या उनके ख़ुद के रोगप्रतिरोधी क्षमता से ही हुई। इनके शरीर में अचानक से इसकी सक्रियता बढ़ गई थी। इसकी शुरुआत संक्रमण से हुई थी।
इंफ़ेक्शन कहीं से भी आ सकता है। यह किसी कीट के काटने से भी हो सकता है। इसके साथ ही दूषित घाव के कारण भी पनपता है। सामान्य तौर पर होता ये है कि शरीर की रोग प्रतिरोधी क्षमता ही इंफ़ेक्शन से लड़ती है और उसे फैलने से रोकती है। लेकिन इसमें संक्रमण शरीर में चारों तरफ जल्दी फैल जाता है तो इम्यून सिस्टम कुछ ज़्यादा ही सक्रिय हो जाता है।
इम्यून की ज़्यादा सक्रियता भी एक समस्या है। इससे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता ह। इससे शरीर में ख़ून विषैला हो जाता है। अंग काम करना बंद कर देते हैं और यहां तक कि मौत का भी सामना करना पड़ सकता है। ब्रिटेन में इससे हर साल 44,000 लोग मौत की नींद सो जाते हैं।