करना है हनुमान जी को प्रसन्न, आज करें सुंदरकांड के पाठ सहित इस तरीकों से पूजा
कोलकाता टाइम्स :
ये तो सभी जानते हैं कि सुंदरकाण्ड के पाठ से बजरंग बली की कृपा बहुत ही जल्द प्राप्त हो जाती है। इसीलिए जो लोग प्रत्येक मंगलवार को इसका पाठ करते हैं, उनके सभी दुख दूर हो जाते हैं। राम चरित मानस के इस खण्ड में हनुमानजी के अपनी बुद्धि और बल से माता सीता की खोज करने का वर्णन किया गया है, इसी वजह से सुंदरकाण्ड को हनुमानजी की सफलता की गाथा कहा जाता है। ये श्रीरामचरित मानस का पांचवां अध्याय है। श्रीरामचरित मानस में कुल 7 अध्याय हैं। सुंदरकाण्ड के अतिरिक्त सभी अध्यायों के नाम स्थान या स्थितियों के आधार पर रखे गए हैं। बाललीला का बालकाण्ड, अयोध्या की घटनाओं का अयोध्या काण्ड, जंगल के जीवन का अरण्य काण्ड, किष्किंधा राज्य के कारण किष्किंधा काण्ड, लंका के युद्ध की चर्चा का लंका काण्ड और जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर उत्तरकाण्ड में दिए गए हैं। सिर्फ सुंदरकाण्ड ही हुनुमान जी की विशेषताओं को बताता है अत: इसके पाठ का अर्थ है हनुमान जी की गाथा को पढ़ना।
सुंदर काण्ड के अतिरिक्त इन बातों का भी ध्यान रखेंगे तो राम भक्त हनुमान प्रसन्न हो जायेंगे। हनुमान जी को सिंदूर लगाना उनके प्रिय पूजा के भागो में से एक है। हनुमान जी बहुत बड़े माता पिता भक्त भी थे इसलिए वे मां अंजना और पिता केसरी के जयकारे से भी अति प्रसन्न होते है। इसके साथ ही मंगलवार को हो सके तो हनुमान की मूर्ति का मंदिर में जा कर दर्शन करें। सुबह स्नान के बाद और रात्रि में सोने से पहले हनुमान चालीसा या हनुमान मंत्र का जाप करें। श्री राम और जानकी को प्रणाम करें। संभव हो तो मंगल का व्रत करें। इन सभी कार्यों से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं।