शादी नहीं, लिव इन है इस गांव की मज़बूरी
कोलकाता टाइम्स :
हाल ही में अम्बानी परिवार की बेटी की शादी में जो खर्च हुआ वह शायद दुनिया की सबसे महंगी शादियों में से एक है।यह पहली शादी नहीं जिसमें पैसा पानी की तरह बहाया गया। आजकल तो यह जैसे आम बात है। हालाँकि भारतीय परिवेश में अब बिना शादी के रहना भी ट्रेंड में है। वहीं लेकिन भारत में ही एक ऐसा गांव है जहाँ के लोग किसी ट्रेंड के तहत नहीं मज़बूरी में लोग लिव इन में रहते हैं।
झारखंड के गुमला जिले के एक गांव में लोग मजबूरन लिव इन में रहते हैं क्योंकि उनके पास शादी की दावत तक के पैसे नहीं है। गुमला के चरकटनगर गांव में राजू महली और मनकी देवी पिछले 20 साल से साथ रह रहे थे लेकिन अपनी मर्जी से नहीं। गरीबी के चलते, वह शादी की दावत आयोजित नहीं कर सके जो कि उनके समुदाय में शादी को मान्यता देने के लिए जरूरी है।
हालाँकि इनकी मज़बूरी को समझकर यहां इन जून के लिए सामूहिक विवाह का आयोजन किया गया जहां राजू और मनकी जैसे 132 जोड़ों की शादी हुई। झारखंड के ओरांव, मुंडा और हो आदिवासियों के बीच शादी के बिना लिव-इन में रहने की परंपरा सामान्य है। क्योंकि इन समुदायों के लोग आर्थिक रूप से काफी पिछड़े होते हैं और शादी दावत के लिए खर्च वहन कर पाने में सक्षम नहीं होते हैं।
स्थानीय बोलचाल में इन्हें धुकुआ कहा जाता है। इसमें महिलाओं को अपने पार्टनर के साथ रहने के लिए समाज की अनुमति लेनी होती है लेकिन पत्नी के बजाय वह धुकनी कहलाती है जिसका मतलब है- बिना शादी के महिला का घर में रहना।