बूरी शक्तियों को रोकने के लिए यहां बने सोने के ब्रम्हाजी
कोलकाता टाइम्स :
बैंकाक में बना यह मंदिर स्थल को ईरावन तीर्थ के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण 1956 में हुआ था। ब्रह्मा जी का यह प्रसिद्ध मंदिर बूरी शक्तियों से बचने के लिए स्थापित की गयी। इस मंदिर को दुनिया के मुख्य धार्मिक स्थानों में गिना जाता है और पर्यटन के लिहाज से भी ये एक आर्दश स्थान है। मंदिर के अंदर ब्रह्मा की एक चार मुंह वाली सोने की भव्य मूर्ति है। इस मंदिर के निर्माण से जुड़ी अत्यंत अनोखी बात सुनने में आती है। कहते हैं कि इसे बुरी शक्तियों को काबू करने के लिए बनाया गया था।
इस मंदिर के स्थापित होने से जुड़ी एक और प्रचलित कहानी है, जिसके अनुसार जिस स्थान पर यह मंदिर बना है वहां पहले 1950 में एक ईरावन नाम का होटल बनाने का काम शुरू किया गया था, पर उस दौरान बड़ी अजीबोगरीब घटनाएं होने लगी। जिनके चलते किसी न किसी कारण होटल का निर्माण कार्य हर बार रुक जाता था। इतना ही नहीं होटल बनाने में लगे कई मजदूरों की मौत भी हो गई। इसके बाद से ही इस जगह पर बुरी शक्तियों का वास होने वाली कहानी सबको सच्ची लगने लगी। इसके बाद होटल का निर्माण कार्य बंद कर दिया गया, बाद में कुछ लोग मंदिर बनवाने के बारे में कहने लगे।
ये स्थान था भी अत्यंत सुंदर जिसके चलते लोग इस जगह को ऐसे ही छोड़ कर जाना भी नहीं चाहते थे। अतत होटल के निर्माण से जुड़े लोगों ने इस बारे में एक ज्योतिषी ताओ महाप्रोम से विचार-विमर्श किया। जिन्होंने यहां पर ब्रह्मा जी का मंदिर बनवाने की सलाह दी। जब यहां ब्रह्मा जी का मंदिर बन गया, तब उन्होंने ईरावन होटल का निर्माण कार्य दोबारा शुरू करने की सलाह दी। इस बार होटल के निर्माण में कोई बाधा नहीं आई। इसी कारण से इस मंदिर का महत्व और अधिक बढ़ गया।
ज्योतिषी महाप्रोम की सलाह पर ब्रह्मा जी का ये मंदिर बनने के कारण इसे को ताओ महाप्रोम मंदिर भी कहा जाता है। इससे महज कुछ दूरी पर बने होटल को भी यहां आने वाले पर्यटक जरूर देखना चाहते हैं। मंदिर में बड़ी तादात में लोग अपनी परेशानियों और बुरी शक्तियों से छुटकारा पाने के लिए दर्शन व पूजन करने आते हैं। इस मंदिर में आने वाले दर्शनार्थियों में बैकांक के अलावा भारत सहित दूसरे देशों के लोग भी शामिल हैं।