अमेरिकी सेना के लिए गलत साबित हुए ट्रांसजेंडर
कोलकाता टाइम्स :
अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने ट्रांसजेंडरों को सेना में भर्ती होने से रोकने वाली राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना को लागू करने की मंजूरी दे दी है। अदालत ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले को 5-4 के बहुमत से अपनी मंजूरी दे दी है। हालांकि, निचली अदालतों में इस नीति को चुनौती देने के मामले चलते रहेंगे। सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों ने ट्रंप प्रशासन के इस फैसले का विरोध किया। इस नीति के तहत ट्रांसजेंडरों को सेना में भर्ती होने से रोके जाने का प्रावधान है। ट्रंप प्रशासन का कहना है कि ट्रांसजेंडरों के सेना में भर्ती होने से उसके प्रभाव और क्षमता पर बड़ा खतरा पैदा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में ट्रांसजेंडरों को सेना में भर्ती करने की नीति को लागू किया था। इस नीति के तहत न केवल ट्रांसजेंडर सेना में भर्ती हो सकते थे, बल्कि उन्हें लिंग सर्जरी के लिए भी सरकारी मदद देने का प्रावधान किया गया था। इस नीति के तहत सेना को एक जुलाई, 2017 को ट्रांसजेंडरों की भर्ती शुरू करनी थी। ट्रंप प्रशासन ने इस नीति को एक जनवरी, 2018 तक बढ़ा दिया है, लेकिन बाद में इस नीति को पूरी तरह समाप्त करने का निर्णय लिया।