July 5, 2024     Select Language
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एक सामग्री और 100 रोगों का नाश 

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कोलकाता टाइम्स :
चौक जायेंगे जान के इस एक सामग्री में 100 से अधिक रोगों का नाश करने की क्षमता है।  वह है हरड़।
हरड़ का काढ़ा त्वचा संबंधी एलर्जी में लाभकारी है। हरड़ के फल को पानी में उबालकर काढ़ा बनाएं और इसका सेवन दिन में दो बार नियमित रूप से करने पर जल्द आराम मिलता है। एलर्जी से प्रभावित भाग की धुलाई भी इस काढ़े से की जा सकती है।
इसी तरह, फंगल एलर्जी या संक्रमण होने पर हरड़ के फल और हल्दी से तैयार लेप प्रभावित भाग पर दिन में दो बार लगाएं, त्वचा के पूरी तरह सामान्य होने तक इस लेप का इस्तेमाल जारी रखें।
मुंह में सूजन होने पर हरड़ के गरारे करने से फायदा मिलता है। हरड़ का लेप पतले छाछ के साथ मिलाकर गरारे करने से मसूढ़ों की सूजन में भी आराम मिलता है।
इसी तरह,  हरड़ का चूर्ण दुखते दांत पर लगाने से भी तकलीफ कम होती है। हरड़ स्वास्थ्यवर्धक टॉनिक होता है जिसके प्रयोग से बाल काले, चमकीले और आकर्षक दिखते हैं।
हरड़ के फल को नारियल तेल में उबालकर (हरड़ पूरी तरह घुलने तक) लेप बनाएँ और इसे बालों में लगाएं या फिर प्रतिदिन 3-5 ग्राम हरड़ पावडर एक गिलास पानी के साथ सेवन करें।
हरड़ का गूदा कब्ज से राहत दिलाने में भी गुणकारी होता है। इस गूदे को चुटकीभर नमक के साथ खाएं या फिर 1/2 ग्राम लौंग अथवा दालचीनी के साथ इसका सेवन करें।
अपच अथवा पेट संबंधी अन्य गड़बड़ियों में हरड़ के गूदे को शहद, लौंग और दालचीनी के साथ लेने पर आराम मिलता है।
भूने हरड़ का चूर्ण सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। हरड़ के ताजे फलों को रेंडी के तेल में (कैस्टर आइल) में में सुनहरा होने तक भूने। ठंडा होने पर इसे पीसकर चूर्ण बना लें और किसी ठंडी जगह पर रखें लेकिन फ्रिज में ना रखें। आधा चम्मच चूर्ण रात में सोते समय लेने से सबेरे पेट साफ रहता है।
हरड़ का फल याददाश्त को भी बढ़ाता है, मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल नियंत्रित रखता है। यह ह्रदय विकारों में भी लाभप्रद है।
हरड़ का ज्यूस शरीर में ताजगी लाता है। स्नायु तंत्र को शांत रखता है। इसके रस से पाचन तंत्र की शुद्धि होती है।

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