July 3, 2024     Select Language
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सर्दी में धूल-धुएं की एलर्जी-अस्थमा से ऐसे बचाता गुड़, तुलसी और त्रिफला

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कोलकाता टाइम्स : 
मतौर पर सर्दी के दिनों में हर शहर और कस्बे में धुएं और धूल की समस्या बढ़ जाती है। राजधानी दिल्ली और बड़े शहर पहले से ही वायु प्रदूषण से जूझ रहे हैं। इससे खासकर अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, साइनस और सीजनल एलर्जी से ग्रस्त लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। और इन तकलीफों से बचना है तो डाइट में कुछ ऐसी चीजें जरूर शामिल करनी चाहिए जैसे गुड़, तुलसी और त्रिफला
गुड़ : इसमें एंटी एजर्लिक प्रॉपर्टी होती है जिस वजह से यह सांस संबंधी समस्याओं के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। यह जिंक और सेलेनियम जैसे एंटी ऑक्सीडेंट्स और मिनरल्स से युक्त होता है। ये मिनरल्स संक्रमण के खिलाफ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का काम करते हैं। अस्थमा के मरीजों को खासकर ठंड के दिनों में शरीर में आंतरिक गर्मी की जरूरत पड़ती है। गुड़ यह काम आसानी से करता है। इसलिए अस्थमा के मरीजों को दिन में गुड़ की एक ढेली जरूर खानी चाहिए।
गाय का घी : श्वास नली से प्रदूषक तत्वों को दूर करने में गाय का घी काफी फायदेमंद हो सकता है। इसकी बस दो बूंदें सुबह-शाम के समय नाक के दोनों छिद्रों में डालनी हैं। इसके अलावा अगर दिनभर में दो से तीन चम्मच घी का सेवन भी कर लिया जाए तो इससे हडि्डयों, किडनी और लिवर में एकत्रित होने वाले पारा और सीसा जैसे तत्व दूर हो सकेंगे। घी का सेवन रोटी, चावल या दाल किसी में भी किया जा सकता है।
तुलसी : अदरक-शहद के साथ तुलसी का काढ़ा अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, इन्फ्लूएंजा और सर्दी-खांसी में काफी असरकारक होता है। यह काढ़ा बनाने के लिए आधे लीटर पानी में तुलसी के पत्तों और अदरक को तब तक उबालिए, जब तक कि पानी आधा न रह जाए। अब उसे गुनगुना कर उसमें एक या दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो से तीन बार सेवन कीजिए। अगर काढ़ा ठंडा हो गया हो तो उसे हल्का गुनगुना कर ही लेना चाहिए।
पिपली : फेफड़ों को डिटॉक्स करने यानी फेफड़ों को प्रदूषणकारी जहरीले तत्वों से मुक्त करने में पिपली काफी मददगार हो सकती है। यह हमारी सांस नली से बलगम को हटाती है जो खासकर वायु प्रदूषण वाले इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए काफी फायदेमंद है। रोजाना रात को सोने से पहले 1/4 टी स्पून हल्दी, 1/4 टी स्पून सोंठ पाउडर के साथ 1/8 टी स्पून पिपली मिला लें। इसे एक चम्मच शहद के साथ गुनगुने पानी में मिलाकर लें।
त्रिफला : प्रदूषण के कारण ‘त्रिदोष’ (वात, पित्त और कफ) में असंतुलन होता है। यह इस असंतुलन को दूर करने में मददगार होता है। रोजाना रात को सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ एक चम्मच त्रिफला चूर्ण लेना चाहिए। इससे श्वास संबंधी दिक्कतें कम होंगी।

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