गठिया का दर्द और सूजन को जड़ से खत्म करता है यह तेल

अर्थराइटिस : कलौंजी के तेल को छोटे चम्मच से 1-1 चम्मच लेने से हर प्रकार की अर्थराइटिस ठीक हो जाती है। जोड़ों का दर्द, सूजन और पैरों के दर्द को दूर करने के लिए आप कलौंजी का तेल नियमित रूप से ले सकते हैं। इसे पीने से पहले एक बार किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
अस्थमा : अस्थमा की शिकायत होने पर छाती और पीठ पर कलौंजी के तेल की मालिश करें या पानी में तेल डालकर उस पानी से स्टीम लें। इसके अलावा कलौंजी का तेल सिरदर्द के उपचार में भी मदद करता है। सिरदर्द को कम करने के लिए माथे पर कलौंजी तेल का मसाज करना चाहिए। सिरदर्द को कम करने के लिए कलौंजी के तेल की (आधा चम्मच) दिन में दो बार पीना लाभकारी होगा। नियमित रूप से कलौंजी का तेल लेने से माइग्रेन का इलाज के इलाज में भी मदद मिलती है।
उच्च रक्तचाप : कलौंजी या ब्लैक सीड के अर्क को दो महीने तक लेने से उन लोगों में उच्च रक्तचाप को कम करने के लिए दिखाया गया है, जिनका रक्तचाप हल्का बढ़ा हुआ है। उनके लिए यह अच्छी औषधि है।
डायबिटीज : डायबिटीज के रोगियों को एक कप कलौंजी के बीज, एक कप राई, आधा कप अनार के छिलके को पीस कर चूर्ण बना लेना चाहिए। आधे चम्मच कलौंजी के तेल के साथ इस चूर्ण को रोजाना ब्रेकअप से पहले लेना चाहिए। इस उपाय को लगातार एक महीने तक करने से आपको फर्क महसूस होने लगेगा।
वजन घटाने में : अगर आप अपने बढ़ते वजन से परेशान है तो कलौंजी के तेल को अपनायें। वजन कम करने के लिए आधा चम्मच कलौंजी के तेल और 2 चम्मच शहद को मिक्स करके गुनगुने पानी के साथ दिन में तीन बार लें। कुछ ही दिनों में आपको फर्क महसूस होने लगेगा। अगर आप भी हमेशा स्वस्थ और तंदरुस्त रहना चाहते हैं तो रोजाना कलौंजी का तेल इस्तेमाल कीजिए।