November 23, 2024     Select Language
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रत्न नहीं इन मालाओं के पहनते ही बदल जाएगी आपकी किस्मत

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कोलकाता टाइम्स :

यूं तो मालाएं कई प्रकार की होती हैं जैसे फूलों की, रत्नों की, बीजों की एवं धातुओं की आदि। कुछ को हम आभूषण के रूप में धारण करते हैं तो कुछ को मन एवं एकाग्रता के लिए न केवल गले में धारण करते हैं बल्कि हाथों से जाप करने के प्रयोग में भी लाते हैं। माला आपका भाग्य बदल भी सकती है और भाग्य का नाश भी कर सकती है। आपको माला कौन सी और कब धारण करना चाहिए, यह किसी ज्योतिष से पूछकर ही करना चाहिए। हालांकि हम यहां जिन मालाओं का जिक्र कर रहे हैं उससे आपको कोई नुकसान नहीं होगा। फिर भी आप माला धारण करने से पूर्व किसी ज्योतिष से सलाह अवश्य लें। यदि जीवन में कोई संकट है, धन का अभाव है, सुख-शांति नहीं है तो आप इन विशेष प्रकार की मालाओं के ये उपाय अपनाकर अपना भाग्य बदल सकते हैं। आओ जानते हैं कौन सी माला पहने का क्या है लाभ..

वैजयंती के बीजों की माला : वैजयंती फूलों का बहुत ही सौभाग्यशाली वृक्ष होता है। मान्यता है कि पुष्य नक्षत्र में वैजयंती के बीजों की माला धारण करना बहुत ही शुभ फलदायक है। इस माला को धारण करने के बाद ग्रह-नक्षत्रों का प्रभाव खत्म हो जाता है, खासकर शनि का दोष समाप्त हो जाता है। इसको धारण करने से नई शक्ति तथा आत्मविश्वास में वृद्धि होती है। मानसिक शांति प्राप्त होती है जिससे व्यक्ति अपने कार्यक्षेत्र में मन लगाकर कार्य करता है। इस माला को किसी भी सोमवार अथवा शुक्रवार को गंगाजल या शुद्ध ताजे जल से धोकर धारण करना चाहिए।

कमल के बीजों की माला : कमल के फूल का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है। कमल पुष्प के बीजों की माला को कमल गट्टे की माला कहा जाता है। इस माला को धारण करने वाला शत्रुओं पर विजयी होता है। मां काली की उपासना के लिए काली हल्दी अथवा नीलकमल की माला का प्रयोग करना चाहिए। माता लक्ष्मी की उपासना के लिए कमल गट्टे की माला शुभ मानी गई है। इसको धारण करने से लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। अक्षय तृतीया, दीपावली, अक्षय नवमी के दिन इस माला से कनकधारा स्तोत्र का जप करने वाले को धनलाभ के अवसर मिलते रहते हैं।

तुलसी के बीजों की माला : तुलसी के बीजों की माला बहुत ही लाभदायक होती है। तुलसी मुख्य रूप से दो प्रकार की होती है। श्यामा तुलसी और रामा तुलसी। श्यामा तुलसी अपने नाम के अनुसार ही श्याम वर्ण की होती है तथा रामा तुलसी हरित वर्ण की होती है। तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसके लिए मंत्र ‘ॐ विष्णवै नम:’ का जप श्रेष्ठ माना गया है। मांसाहार आदि तामसिक वस्तुओं का सेवन करने वाले लोगों को तुलसी की माला धारण नहीं करनी चाहिए।

श्यामा तुलसी : श्यामा तुलसी की माला धारण करने से विशेष रूप से मानसिक शांति प्राप्त होती है, ईश्वर के प्रति श्रद्धा-भक्ति बढ़ती है, मन में सकारात्मक भावना का विकास होता है, आध्यात्मिक उन्नति के साथ ही पारिवारिक तथा भौतिक उन्नति होती है। इस माला को शुभ वार, सोम, बुध, बृहस्पतिवार को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

रामा तुलसी माला : इस माला को धारण करने से व्यक्ति के अंदर आत्मविश्वास में वृद्धि तथा सात्विक भावनाएं जागृत होती हैं। अपने कर्तव्यपालन के प्रति मदद मिलती है। इस माला को शुभ वार, सोम, गुरु, बुध को गंगाजल से शुद्ध करके धारण करना चाहिए।

तुलसी के बीजों की माला के अन्य लाभ : तुलसी की माला में विद्युत शक्ति होती है। इस माला को पहनने से यश, किर्ती और सौभाग्य बढ़ता है। शालिग्राम पुराण में कहा गया है कि तुलसी की माला भोजन करते समय शरीर पर होने से अनेक यज्ञों का पुण्य मिलता है। जो भी कोई तुलसी की माला पहनकर नहाता है, उसे सारी नदियों में नहाने का पुण्य मिलता है। तुलसी की माला पहनने से बुखार, जुकाम, सिरदर्द, चमड़ी के रोगों में भी लाभ मिलता है। संक्रामक बीमारी और अकाल मौत भी नहीं होती, ऐसी धार्मिक मान्यता है। तुलसी माला पहनने से व्यक्ति की पाचन शक्ति, तेज बुखार, दिमाग की बीमारियों एवं वायु संबंधित अनेक रोगों में लाभ मिलता है।

लाल चंदन की माला : चंदन २ प्रकार के पाए जाते हैं- रक्त एवं श्वेत। चंदन का गुण शीतल है। यदि आपको सर्दी की शिकायत रहती है तो इसे धारण न करें। मां दुर्गा की उपासना रक्त चंदन की माला से करना चाहिए। इससे मंगल ग्रह के दोष भी दूर होते हैं। तुलसी और चंदन की माला विष्णु, राम और कृष्ण से संबंधित जपों की सिद्धि के लिए उपयोग में लाई जाती है। इसके लिए मंत्र ‘ॐ विष्णवै नम:’ का जप श्रेष्ठ माना गया है। चंदन की माला धारण करने से नौकरीपेशा में उन्नति तो होती ही है, सभी लोग ऐसे व्यक्ति से खुश रहते हैं और सभी उसके मित्र बने रहते हैं। ऐसे व्यक्ति को सभी ओर से सहयोग प्राप्त होता रहता है। चंदन कई रोगों को शांत करता है, जैसे तृषा, थकान, रक्तविकार, दस्त, सिरदर्द, वात पित्त, कफ, कृमि और वमन आदि।

सफ़ेद चंदन की माला : सफ़ेद चंदन की माला से महासरस्वती, महालक्ष्मी मंत्र, गायत्री मंत्र आदि का जप करना विशेष शुभ फलप्रद होता है। इसके अतिरिक्त इस माला को मानसिक शांति एवं लक्ष्मी प्रााqप्त के लिए भी गले में धारण करने से लाभ होता है।

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