कहीं आपको चबाने और चूसने की आवाज से चिढ़न तो नहीं?
[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :
क्या आपके साथ भी ऐसा कुछ होता है कि आपके पास बैठे किसी शख्स के चबा-चबाकर खाने की आवाज की वजह से आपको गुस्सा आने लगता है या आप एकदम से विचलित हो जाते है तो आप मिसोफोनिया नाम की बीमारी से ग्रस्त है।
कान में आवाजों का गूंजना मिसोफोनिया कहलाता है। इसको समान्य भाषा में – कान का बजना कहते हैं जिसमें कानों में अचानक घंटी बजने लगती है या कानों में सनसनी सी उत्पन्न हो जाती है। ये आवाजें आपके आसपास सामान्य आवाजों में से एक होती है जिससे आपको एकदम से चिढ़न होने लगती है जैसे डकार लेने की आवाज, चबा-चबाकर खाने की आवाज, दांतों की पीसने की आवाज।
मिसोफोनिया एक तंत्रिका मनोविकार है, जो ध्वनि के कारण गुस्से और घबराहट के वजह से एक असमान प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है। जब इससे ग्रसित व्यक्ति अपने आसपास मौजूद अप्रिय ध्वनि को सुनता है तो इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। जिस तरह ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) एक तरह की मानसिक है, जिसमें इंसान एक तरह का काम बार-बार दोहराता है और उन्हें गंदगी देखते ही गुस्सा आने लगता है।
मिसोफोनिया समेत अन्य न्यूरो-मनोवैज्ञानिक विकार, गलत लाइफस्टाइल शैली के वजह से सामने आती है। सोने के समय में सुधार, तनाव के स्तर में कमी, रोजाना एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट से मिसोफोनिया से प्रभावित व्यक्ति की स्थिति में सुधार ला सकती है।
मिसोफोनिया का इलाज कॉग्निटिव (संज्ञानात्मक) बिहेवियरल थेरेपी और टिन्नीटस (कान में घंटी की आवाज या गूंज) ट्रेनिंग से किया जाता है।
मिसोफोनिया एक तंत्रिका मनोविकार है, जो ध्वनि के कारण गुस्से और घबराहट के वजह से एक असमान प्रतिक्रिया के रूप में सामने आता है। जब इससे ग्रसित व्यक्ति अपने आसपास मौजूद अप्रिय ध्वनि को सुनता है तो इससे उनकी कार्यक्षमता प्रभावित होती है। जिस तरह ओसीडी (ऑब्सेसिव कंपल्सिव डिसऑर्डर) एक तरह की मानसिक है, जिसमें इंसान एक तरह का काम बार-बार दोहराता है और उन्हें गंदगी देखते ही गुस्सा आने लगता है।
मिसोफोनिया समेत अन्य न्यूरो-मनोवैज्ञानिक विकार, गलत लाइफस्टाइल शैली के वजह से सामने आती है। सोने के समय में सुधार, तनाव के स्तर में कमी, रोजाना एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट से मिसोफोनिया से प्रभावित व्यक्ति की स्थिति में सुधार ला सकती है।
मिसोफोनिया का इलाज कॉग्निटिव (संज्ञानात्मक) बिहेवियरल थेरेपी और टिन्नीटस (कान में घंटी की आवाज या गूंज) ट्रेनिंग से किया जाता है।