मानव राख की इस झील में सिक्का डालने से पूरी होती है मन्नत
कोलकाता टाइम्स :
अपने देश में ही एक ऐसी झील है जो कि मानव के राख से बनी हुई है। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित कमल झील में राख ही राख है। हिमालय की तलहटी में स्थित इस झील को पवित्र माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि इसमें एक सिक्का डालने भर से मनोकामना पूर्ण होती है। इस झील को सिख और बौद्ध संप्रदाय के लोग बहुत ही पवित्र मानते हैं। झील के पास तीन खूबसूरत मंदिर है जो भगवान शिव, कृष्ण और साथु लामोस को समर्पित है।
ऐसा कहा जाता है कि मंडी के राजा अर्शधर की बेटी मंदरवा गुरु पद्मसंभव से शिक्षा ले रही थी और वो दोनों एक दूसरे से अध्यात्म से जुड़ने लगे थे। जब वहां के राजा को ये पता चला तो उसने गुरु पद्मसंभव को आग में जला देने का आदेश दिया, क्योंकि उस समय लोग बौद्ध धर्म को शंका से देखते थे। इसके बाद राजा ने उसकी चिता इतनी बड़ी बनाई कि सात दिनों तक जलती रही। सात दिनों के बाद जब देखा गया तो वहां राख की जगह एक झील बन गई तथा इस झील में पद्मसंभव एक कमल पर प्रकट हुए। जिसके बाद राजा को अपनी भूल का एहसास हुआ। उसने अपनी बेटी का विवाह गुरु पद्मसम्भव से कर दिया। ये झील लोगों के लिए पूजनीय है और दूर-दूर से तीर्थयात्री यहां दर्शन करने के लिए आते हैं। ऐसी मान्यता है कि इस झील में सिक्का डालने से मन्नत पूरी हो जाती है।