July 5, 2024     Select Language
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गंदा सच: 190 गुना ज्यादा वायरस फैलता है हैंड ड्रायर

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कोलकाता टाइम्स :
क्सरकहा जाता है कि अपने हाथों को फ्लू और अन्य वायरस से बचाने और साफ-सुथरा रखने के लिए उन्हें अच्छे से और कई बार धोना चाहिए। लेकिन क्या आपको पता है कि जब भी आप किसी मॉल, रेस्टॉरेंट व होटलवगैरह में जाते हैं तो वहां जो हैंड ड्रायर होते हैं उसमें आपके बच्चे मस्ती से खेलते हुए हाथ सुखाते हैं और आप भी तो ऐसा ही करते होंगे। लेकिन इन हैंड ड्रायर पर कई तरह की रिसर्च की गई और जो बात सामने आई है वो जानकर अगली बार आप अपने हाथों को साफ करने के लिए हैंड ड्रायर मशीन का उपयोग करने से पहले एक बार जरूर सोचेंगे।
हमने अक्सर लोगों से सुना है कि हाथ साफ रखना और धोना बीमारी को रोकने के लिए महत्वपूर्ण है लेकिन गीले हाथ बैक्टीरिया के संक्रमण का खतरा बढ़ाते हैं इसलिए हाथों को धोने के बाद सुखाना भी उतना ही जरूरी है। कई बार हाथ सुखाने वाले उपकरण आपके हाथों को साफ करने की जगह उन्हें और भी गंदा कर देते हैं। दरअसल, हाथ सुखाने वाले उपकरण आपके हाथों से कीटाणु हटाने के बजाय उन्हें हवा में फैला देते हैं।
हेल्थकेयर व होटल इंडस्ट्री हाथों के हाइजीन के प्रति आसक्त होते हैं, क्योंकि अस्पताल में वायरस और बैक्टीरिया का मतलब जीवन या मृत्यु हो सकता है। और एक रेस्तरां या क्रूज जहाज पर खाद्यजनित बीमारियां लोगों को बेहद गंभीर रूप से बीमार कर सकती हैं।
कई शोध किए गए हैं हाथ धोने की विधि पर और जो नतीजे सामने आए, वे ये हैं-
*जेट एयर ड्रायर गर्म वायु वाले ड्रायर के मुकाबले 20 गुना अधिक वायरस फेंकता है।
वायरस का प्रभाव 2½ से 4.1 फुट पर सबसे ज्यादा आया, जो कि एक छोटे बच्चे के लिए चेहरे का स्तर पर है।
*जेट एयर ड्रायर पेपर टॉवेल से 190 गुना अधिक वायरस फेंकता है।
*जेट एयर ड्रायर अल्ट्रा हाईस्पीड में साइड से हवा को बाहर फेंकता है। वार्म एयर ड्रायर इवैपोरेशन पद्धति पर काम करता है, वहीं पेपर टॉवेल पानी को सोख लेता है।
*पेपर टॉवेल से अपने हाथों को पोंछने से न केवल उन्हें तेजी से सुखाया जा सकता है, बल्कि पेपर टॉवेल हाथों पर घिसने से जो घर्षण पैदा होता है उससे हाथों में लगे जर्म्स अच्छी तरह से हट जाते हैं।
रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) के अनुसार हाथ धोने का सही तरीका यह है-
* ठंडे या गर्म पानी से अपने हाथों को साबुन से धोएं।
* साबुन के झाग से अपनी उंगलियों के बीच और अपने नाखूनों के बीच साफ-सफाई करें।
* कम से कम 20 सेकंड तक हाथ धोएं।
* अब साफ पानी से हाथों को धोकर टॉवेल से अच्छी तरह सुखा लें।
सीडीसी के मुताबिक हैंड सैनीटाइज़र भी हाथों को धोने का बेहतर विकल्प नहीं हैं। ये हाथों से गंदगी या चिपचिपापन बेहतर साफ नहीं कर पाते, वे हाथों से सभी कीटाणुओं को नहीं मार सकते और सभी हानिकारक रसायनों को भी नहीं हटा पाते। अगर किसी समय आपके पास सैनिटाइजर के सिवाय कोई और विकल्प ही न हो, तब यह सुनिश्चित कर लें कि आपके सैनिटाइजर में कम से कम 60 प्रतिशत अल्कोहल हो।
अब यह जानने के बाद कि सार्वजनिक टॉयलेट के हैंड ड्रायर में काफी मात्रा में माइक्रोब्स जमे होते हैं और ड्रायर को चालू करते ही ये हवा के साथ उड़ जाते हैं और फैल जाते हैं, तो आप जब भी सार्वजनिक टॉयलेट जैसे होटल, मॉल वगैरह में जाएं तो यह याद रखें कि निम्न तकनीक कभी-कभी उच्च तकनीक से बेहतर हो सकती है। पेपर टॉवेल व पेपर नैपकीन या टिशू पेपर ही उपयोग करें। वे ही आपके हाथों से सही मायने में जर्म्स हटाते हैं।

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