November 23, 2024     Select Language
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मौत के 100 साल बाद फिर जिंदा करेंगे इसे… कानून का फैसला

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कोलकाता टाइम्स :

लंदन की रहने वाली 14 साल की लड़की कैंसर से पीड़ित थी। उसने मरने से पहले जज को एक चिट्ठी लिखी, जिसमें उसने खुद को 100 साल बाद जिंदा करने की उम्मीद का जिक्र किया। कैंसर से जूझ रही इस लड़की ने इंटरनेट पर क्रियोनिक्स तकनीक के बारे में पढ़ा था। उसने अपने खत में जज को इसके बारे में लिखा। उसने लिखा कि मैं महज 14 साल की हूं और मैं अभी मरना नहीं चाहती लेकिन मुझे यह भी पता है कि मैं मरने जा रही हूं। मुझे उम्मीद है कि क्रायोनिक्स मुझे एक और जिन्दगी दे सकती है चाहे उसमें 100 साल ही क्यों न लग जाए। लड़की ने जज को लिखे अपने इमोशनल खत में जीने का अधिकार मांगा।

लड़की मां ने अपनी बेटी की आखिरी इच्छा को पूरा करने के लिए उसका साथ दिया। हलांकि उससे पिता इस फैसले के खिलाफ थे। वो नहीं चाहते थे कि क्रायोनिक्स तकनीक का इस्तेमाल उसकी बेटी के शरीर को फ्रिज्ड करके रखा जाए, लेकिन कोर्ट ने पिता के बजाए मां को फैसला लेने का अधिकार दिया, क्योंकि तलाक के बाद पिता ने पिछले 8 सालों में एक बार भी अपने बेटी से मुलाकात नहीं की, उसका हाल-चाल नहीं पूछा था।

कोर्ट की कार्रवाई के दौरान जज पीटर जैकसन ने खुद अस्पताल जाकर लड़की से मुलाकात की, क्योंकि बीमारी की वजह से वो कोर्ट नहीं आ सकती थी। जज पीटर जैक्सन ने लड़की की अपील को मानते हुए मां को क्रियोनिक्स की अनुमति दे दी। हलांकि लड़की ने मरने से पहले अपनी मां को कानूनी अधिकार भी दिया है कि उसकी मां जब चाहे उसका अंतिम संस्कार कर सकती है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि लड़की की मौत हो गई है अब उसके शव को क्रायोनिक्स किया जाएगा। फैसला सुनाने वाले जज ने पीटर जैकसन ने कहा कि यह अब तक का सबसे बड़ा फैसला है जो आज तक किसी को नहीं दिया गया था। लंदन में इसकी व्यवस्था नहीं होने की वजह से अब उसके शव को अमेरिका ले जाया जाएगा। ये काफी खर्चीला फॉर्सेस है।

क्या होता है क्रायोनिक्स ?

  • ये एक वैज्ञानिक विधि है, जिसमें मृत शरीर को डीप फ्रिज्ड कर 100 सालों के लिए सुरक्षित रखा जाता है।
  • इसमें बॉर्डी को पहले -110 डिग्री सी पर फ्रिज्ड किया जाता है, फिर 3 दिनों के बाद उसे -190 डिग्री सी पर फ्रिज्ड किया जाता है।
  • उसके बाद बॉर्डी को लिक्विड नाइट्रोजन में रख दिया जाता है। जहां बॉर्डी सालों के लिए सुरक्षित हो जाती है।
  • ऐसा इसलिए ताकि अगर भविष्य में उस बीमारी का इलाज संभव हो सके तो उसे ठीक पर फिर से जिंदा किया जा सके।
  • आपको बता दें कि दुनिया में सिर्फ तीन जगहों पर ही इसकी सुविधा है।
  • अमेरिका में 2 और रूस में एक जगह पर क्रायोनिक्स की सुविधा है।
  • ये काफी खर्चीली व्यवस्था है। इसमें करीब 30 लाख का खर्च आता है।

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