July 4, 2024     Select Language
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आखिर इन महिलाओं ने क्यों शुरु किया ‘KuToo’ कैंपेन

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कोलकाता टाइम्स :

खासकर जापान जैसे देशों में वर्कप्‍लेस में जहां महिलाओं और पुरुषों दोनों के ल‍िए ड्रेसकोड लागू होता है, वहीं महिलाओं को वर्क प्‍लेस में अट्रेक्टिव दिखने के ल‍िए हाई हील्‍स पहनने के ल‍िए बाध्‍य किया जा रहा है। ऑफिस में हैवी वर्कलोड के साथ हाई हील्‍स की वज‍ह से होने वाली परेशानियों को सामने लाने के ल‍िए कुटू कैंपन शुरु किया है।

इस कैंपेन में पंद्रह हजार से ज्‍यादा लोगों ने हस्‍ताक्षर कर समर्थन जताया है। #MeToo कैंपेन की तरह अब #KuToo कैंपेन ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा है। आइए जानते है कि क्‍या हैं ये #KuToo कैंपेन और इससे कैसे जापानी महिलाओं का स्‍वास्‍थय हो रहा है प्रभावित?

जापान में महिलाओं को दफ्तरों में हाई हील्स पहनना जरूरी है। इसको लेकर महिलाएं काफी परेशान हैं। एड़ी और पैर दर्द की शिकायतें बढ़ने लगीं। दफ्तर में काम के दौरान उनका मन नहीं लगता है। इन परेशानियों को देखते हुए 32 साल की अभिनेत्री और मॉडल यूमी इशिकावा ने एक पहल की। उन्होंने ‘हैशटैग मीटू’ अभियान की तर्ज पर ‘हैशटैग कुटू’ शुरू किया।

जापानी भाषा में कुत्सू का मतलब जूता होता है। कुत्सु का कु और मीटू का टू जोड़कर इस अभियान का नाम ‘हैशटैग कुटू’ रखा। सोशल मीडिया में चलाए जा रहे इस अभियान में हफ्तेभर में ही 15 हजार लोगों का समर्थन मिल गया है। दो महीने तक यूमी ने सोशल मीडिया पर अपना अभियान जारी रखा। जापान में इस मुद्दे ने अब आंदोलन का रूप ले लिया है। पुरुष भी समर्थन में उतर गए हैं।

जापान में ज्यादातर कंपनियों और सार्वजनिक संस्थाओं में कर्मचारियों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य है। पुरुषों को सूट और डार्क कलर के जूते जबकि महिलाओं को स्कर्ट के साथ हाई हील्स पहनना जरूरी है। यूमी बताती हैं कि मैंने लोगों का समर्थन जुटाने के लिए पिटीशन दाखिल की। मैं लिंगभेद को खत्म करना चाहती हूं। इस अभियान में 25 हजार लोगों का समर्थन जुटाकर मैं साबित करना चाहती हूं कि महिलाओं पर सख्ती खत्म होनी चाहिए।

हाई हील पहनने के नुकसान – हाई हील पहनकर चलने और उसे बैलेंस बनाकर चलना बहुत मुश्किल काम होता है। – हाई हील की सैंडिल पहनने से स्पाइन के डिस्टर्ब होने का डर बना रहता है। – हाई हील की सैंडिल पहनने से वजन का संतुलन बिगड़ जाता है. जिसकी वजह से सभी ज्वाइंट्स और हड्डियों पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। – हील्‍स में संतुलन बनाने का असर स्पाइन पर ड़ता है और पीठ दर्द एक हमेशा रहने वाला दर्द बन जाता है। – हील्‍स से पैरों पर दबाव बढ़ जाता है, वहीं शरीर का ऊपरी हिस्सा संतुलन बनाने की कोशिश करता है। कई बार इस बैलेंस बनाने के चक्कर में अजीबोगरीब तरीके से खड़ा रहना पड़ता है। जिसका असर आपके पॉश्‍चर पर पड़ता है।

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