गधों के सहारे कंगाल पाकिस्तान बेचारे
कोलकाता टाइम्स :
इसे पाकिस्तान का किस्मत कहें या बदकिस्मती, क्योंकि कंगाल हो चुके पाकिस्तान को अब गंधों से ही देश के हालात को सुधारने की आस है। शायद आपको यह खबर अजीब लग रही होगी, लेकिन यह सौ फीसदी सच है। इस समय पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए वहां की इमरान सरकार गधा पॉलिसी को बढ़ावा दे रही है। पाकिस्तान में 2017 में 50 लाख गधे थे, जो 2018 में बढ़कर 52 लाख हो गए। इसी के साथ पाकिस्तान ने गधों को आयात करके चीन से करोड़ों रुपये की कमाई की है। दुनिया में सबसे ज्यादा गधे चीन में है और उसके बाद तीसरा नंबर पाकिस्तान का आता है। यहां पर एक गधे की कीमत 30 से 50 हजार रुपये के बीच है।
पाकिस्तान के लोग गधे पालकर उन्हें चीन को निर्यात करते हैं और चीन वहां पर उनकी खाल से दवाईयां बनाता है। इसके अलावा चीन में गधों के मांस को भी बड़े चाव से खाया जाता है। यही वजह है कि पाकिस्तान आतंकवाद के सिवा अपने यहां पर कुछ दूसरी चीज पैदा नहीं करता तो अब उसे गधों से ही देश की स्थिति सुधारने का भरोसा है।
खैबर पख्तूनख्वा के एक अधिकारी ने कहा कि चीनी कंपनियां पाकिस्तान में गधों की फार्मिंग करने के लिए इन्वेस्टमेंट करने की इच्छुक हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, विदेशी कंपनियां पाकिस्तान में 21 हजार करोड़ रुपये इन्वेस्ट कर सकती है। देश के निर्यात को बढ़ाने के लिए लाइव स्टॉक डिपार्टमेंट ने कहा है कि देश में पहली बार गधों के खास फार्म शुरू किए जाएंगे। डेरा इस्मायल खान और मनसेहरा में विदेशी साझेदारी में फार्म शुरू किए जा रहे हैं। पहले तीन वर्षों में सरकार करीब 80 हजार गधों का निर्यात करना चाहती है।