भीड़ से दूर ये बीच है वेकेशन के लिए एकदम परफेक्ट
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लगभग 375 किमी दूर मुंबई के दक्षिण में कोंकण तट से लगे इस जगह का नाम गणपति भगवान के नाम से प्रेरित है। जहां विशाल पत्थर द्वारा गणेश भगवान की प्रतिमा खुद से निर्मित हुई है। 400 साल पुराने इस मंदिर और आसपास की खूबसूरती के अलावा यहां उगते और ढ़लते सूरज का नज़ारा देखना भी अपने आप में अद्भुत होता है।
गणपतिपुले उन लोगों के लिए परफेक्ट डेस्टिनेशन है जो लंबे वीकेंड में घूमने के साथ ही रिलैक्स भी होना चाहते हैं। यहां की नेचुरल ब्यूटी देखने लायक है। हर जगह हरियाली और पानी ही पानी। बीच पर रो बोट्स, मोटरबोट्स, एयरो बोट्स, पैडल बोट्स जैसे कई वाटर स्पोर्ट्स का आनंद लिया जा सकता है।
यहां स्थित स्वयंभू गणेश के मंदिर में हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। यहां स्थित गणेश भगवान को पश्चिम द्वारदेवता के रूप में भी जाना जाता है। गणपतिपुले पहुंचने वाले लोग यहां भी दर्शन के लिए पहुंचते हैं। सुंदर समुद्री तट और साफ पानी के अलावा गणपतिपुले वनस्पति के मामले में भी काफी समृद्ध है।
गणपतिपुले से एक किमी दूर स्थित मलगुंड छोटा सा गांव है जो प्रसिद्ध मराठी कवि केशवासूत का जन्मस्थल है। यहां आकर आप इस महान कवि के घर जा सकते हैं जिसे अब हॉस्टल में बदल दिया गया है।
यहाँ जाने के लिए
हवाई मार्ग- कोल्हापुर यहां का नज़दीकी एयरपोर्ट है।
रेल मार्ग- भोक(35 किमी) यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। लेकिन रत्नागिरी (45 किमी) रेलवे स्टेशन उतरकर यहां पहुंचना ज्यादा आसान है।
सड़क मार्ग- मुंबई-गणपतिपुले 375 किमी, पुणे-गणपतिपुले 331 किमी और कोल्हापुर-गणपतिपुले 144 किमी द्वारा भी पहुंचने के ऑप्शन हैं आपके पास।