January 19, 2025     Select Language
Editor Choice Hindi KT Popular स्वास्थ्य

हड्डी टूटने पर भी नहीं होता दर्द, ऐसी है बीमारी 

[kodex_post_like_buttons]

कोलकाता टाइम्स : 

ह बीमारी जन्मजात होती है और जो व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित होता है, उसे बिल्कुल भी दर्द का अहसास नहीं होता। अगर आप सोच रहे हैं कि यह तो कुदरत का आशीर्वाद है तो आप गलत हैं। इस बीमारी के चलते व्यक्ति की जान पर भी बन आती है। इस बीमारी को  कन्जेनिटल इंसेसिटिविटी ऑफ पेन अर्थात सीआईपी कहा जाता है।

जिन लोगों को सीआईपी नामक यह बीमारी होती है, उन्हें किसी भी तरह की चोट लगने, कटने, जलने या परेशानी होने पर दर्द का अहसास नहीं होता। डॉ. मुंद्रा कहते हैं कि एक बेहद असाधारण बीमारी है और अभी तक पूरी दुनिया में ऐसे रोगियों की संख्या 200 से अधिक नहीं है।  जहां सीआईपी पीड़ित व्यक्ति के शरीर में दर्द का अहसास कराने वाली तंत्रिकाएं ही नहीं होतीं, वहीं जो लोग मानसिक रूप से पीड़ित होते हैं,

इसके अतिरिक्त भी सीआईपी से पीड़ित व्यक्ति में कुछ लक्षण देखे जाते हैं। मसलन, कुछ लोगों में पसीने वाली ग्रंथि भी नहीं होती, जिससे उन्हें कभी पसीना नहीं आता। जिसके कारण उनका शरीर काफी गर्म रहता है। वहीं कुछ लोगों की चीजों को चखकर उसके स्वाद का पता लगाने वाली ग्रंथि का अभाव होता है। ऐसे व्यक्ति चाहे कुछ भी खाएं, उन्हें उसके स्वाद का पता नहीं चलता।

ऐसे करें पहचान : भले ही एक जन्मजात बीमारी हो लेकिन जन्म के समय इस बीमारी का पता लगा पाना काफी संभव नहीं है। लेकिन जब बच्चा जैसे-जैसे बड़ा होता है और उसे किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता तो अभिभावक डॉक्टर से संपर्क करते हैं और उसके बाद कुछ जीन्स आधारित परीक्षण करने के पश्चात इस बीमारी की पहचान की जा सकती है।

हो सकती है बेहद घातक: सीआईपी एक ऐसी बीमारी है, जिसे भले ही आप हल्के में लें लेकिन वास्तव में यह व्यक्ति के लिए बेहद घातक हो सकती है। दरअसल, जब व्यक्ति गिरता है या चोट लगती है तो उसे दर्द का अहसास होता है। लेकिन जब व्यक्ति को दर्द ही नहीं होता तो चोट लगने पर उसे पता ही नहीं चलता। कई बार उसे देर से पता चलता है और तब तक उसे काफी नुकसान पहुंच चुका होता है।

बाहरी चोटों के अलावा ऐसे व्यक्तियों को कई बीमारियां अपनी चपेट में ले लेती हैं। दरअसल, बहुत सी बीमारियों में दर्द का अहसास ही एक प्रारंभिक लक्षण के रूप में सामने आता है जैसे नर्व डैमेज होने, हड्डी या कमर में परेशानी का सबसे पहला लक्षण दर्द ही है। लेकिन जब व्यक्ति को दर्द का पता नहीं चलता तो उनके भीतर ही भीतर ही वह बीमारी बढ़ती रहती है। जब तक उस बीमारी के शारीरिक लक्षण उभरकर सामने आते हैं, तब तक उन पर काबू पाना मुश्किल हो जाता है।

Related Posts