बचे इन 2 गलतियों से, वरना पतन अनिवार्य
चाणक्य नीति का श्लोक
अनालोच्य व्ययं कर्ता चानाथः कलहप्रियः।
आर्तः स्त्रीहसर्वक्षेत्रेषु नरः शीघ्रं विनश्यति।।19।।
चाणक्य नीति के इस श्लोक में बताया गया है कि हमेशा सोच-समझकर ही कोई काम करना चाहिए। चाणक्य नीति के अनुसार बिना सोचे-समझे खर्चा करने वाला अनाथ हो जाता है, यानी एक समय के बाद ऐसे लोगों का कोई भी साथ नहीं देता। ऐसे लोग जीवन का बड़ा हिस्सा अकेले ही बीताते हैं।
दूसरी गलती के बारे में चाणक्य नीति में कहा है कि झगड़ालू तथा सभी जातियों की स्त्रियों को पाने की इच्छा रखने वाला व्यक्ति भी शीघ्र नष्ट हो जाता है। इसका मतलब ये है कि अनाप-शनाप खर्च करने वाला, जिसका कोई भी अपना न हो, जो झगड़ालू स्वभाव का हो तथा जो स्त्रियों के ही पीछे भागता रहता हो, ऐसा व्यक्ति शीघ्र ही बर्बाद हो जाता है।