यहां हर घर में है एक कैंसर रोगी, कारण जान हो जाएंगे हैरान
कोलकाता टाइम्स :
कैंसर से जूझने वालों की तादाद बीते दशकों के मुकाबले बढ़ी है। कैंसर ने अपने विस्तार के लिये सारी अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं को तोड़ दिया है। जर्मनी के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में एल्बे नदी के समीप वीवैल्सफ्लैथ नाम का एक गांव है जहां कैंसर ने लगभग हर घर को अपने चपेट में ले लिया है
करीब 1,500 की आबादी वाले इस गांव में कैंसर का फैलाव औसत से 50 प्रतिशत अधिक है। इस गांव में कैंसर के बीज वर्ष 1998 में ही पड़ गये थे। ग्रामीणों के लिये इससे ज्यादा बुरी बात यह है कि प्रशासन के लिये वो उपेक्षित हैं। इस गांव में कैंसर की जो प्रकृति मिली है उसे किसी विशेष दायरे में बांध कर नहीं देखा जा सकता। यहां स्तन, फेफड़े, गर्भाशय आदि के कैंसर रोगी मिले हैं। माना जाता है कि इस गांव के कैंसर के चपेट में आने का कारण नजदीक लगे तीन नाभिकीय संयंत्र हैं।
तीन नाभिकीय संयंत्रों के अलावा यहां एक शिपयार्ड भी है जहां जहाजों पर अत्यधिक जहरीला स्प्रे किये जाते हैंं। इसके कारण इस गांव के ग्रामीण चिंतित हैं लेकिन उनकी सुनने वाला कोई नहीं है। कैंसर कोशिकाओं के इतने बड़े स्तर पर प्रसार से विशेषज्ञ भी किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। इस विषय पर विशेषज्ञों द्वारा कई शोध किये गये। सारे कारकों जैसे नाभिकीय संयंत्र, शिपयार्ड पर शोध के अलावा कैंसर रोगी की जीवनशैली पर भी अध्ययन किया गया जिसमें किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सका है। वहा के महापौर अपनी दो बीवियों को कैंसर के कारण खो चुके हैं। उनकी मांग है कि इस पर बर्लिन आयोग अध्ययन करे और मामले की तह तक पहुंचने की ठोस कोशिश करें।