दुर्भाग्य से हमेशा के लिए छुटकारा: जल में मिश्री मिलाकर सूर्य को चढ़ाएं और बोलें 1 मंत्र
[kodex_post_like_buttons]
कोलकाता टाइम्स :
ज्योतिष में सूर्यदेव को सभी ग्रहों का राजा माना जाता है। इसी वजह से सूर्य की पूजा से कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर हो सकते हैं। सूर्य को मनाने का सबसे सरल और कारगर उपाय है रोज सुबह सूर्य को अर्घ्य अर्पित करना। जो लोग ये छोटा सा काम रोज करते हैं, वे घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान प्राप्त करते हैं। यहां जानिए उज्जैन के इंद्रेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी और ज्योतिर्विद पं. सुनील नागर के अनुसार सूर्य को जल चढ़ाने की विधि और सूर्य के सरल मंत्र…
पूजन विधि
सुबह सूर्योदय से पहले उठें। स्नान करें। नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल भी डालें। साफ वस्त्र धारण करें। इसके बाद सूर्यदेव के सामने आसन बिछाएं। आसन पर खड़े होकर तांबे के बर्तन में पवित्र जल भरें। उस जल में थोड़ी सी मिश्री भी मिलाएं। मान्यता है कि सूर्य को मीठा जल चढ़ाने से जन्मकुंडली के मंगल दोष दूर होते हैं। जब सूर्य से नारंगी किरणें निकली रही हों यानी सूर्योदय के समय दोनों हाथों से तांबे के लोटे से जल ऐसे चढ़ाएं कि सूर्य जल की धारा में दिखाई दे। जल चढ़ाते समय सूर्य मंत्र भी बोलना चाहिए।
सूर्य अर्घ्य मंत्र
ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते।
अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:, ॐ नमो भास्कराय नम:।
अर्घ्य समर्पयामि।।
सूर्य ध्यान मंत्र
ध्येय सदा सविष्तृ मंडल मध्यवर्ती।
नारायण: सर सिंजासन सन्नि: विष्ठ:।।
केयूरवान्मकर कुण्डलवान किरीटी।
हारी हिरण्यमय वपुधृत शंख चक्र।।
जपाकुसुम संकाशं काश्यपेयं महाधुतिम।
तमोहरि सर्वपापध्नं प्रणतोऽस्मि दिवाकरम।।
सूर्यस्य पश्य श्रेमाणं योन तन्द्रयते।