रंगों से नही चिता भस्म से खेली जाती है होली
कोलकाता टाइम्स :
रंगों से होली तो आपने बहुत खेली होगी लेकिन क्या कभी ऐसी अनोखी होली के बारे में सुना जो रंगों से नही बल्कि भस्म से खेली जाती है।
जी हां, वाराणसी के मणिकर्णिका घाट पर शिव भक्त भगवान शिव से होली खेलते हैं। ये होली रंग-गुलाल से नही बल्कि भस्म से खेली जाती है। ये भस्म शमशान में जलने वाले मृत शरीरों की राख होती है।
ये होली रंगभरी एकादशी के ठीक अगले दिन बनारस में बाबा के भक्तों द्वारा खेली जाती है। मान्यता है कि स्वयं महादेव किसी न किसी रूप में मौजूद रहते हैं। रंगभरी एकादशी पर बाबा विश्वनाथ माता पार्वती की विदाई कराकर पुत्र गणेश के साथ काशी पधारते हैं।