काम के वक़्त गाना ? आज ही डाल लीजिये यह आदत
शोधकर्ताओं ने ये निष्कर्ष निकाला कि खुशमिज़ाजी वाला संगीत सुनने वाले व्यक्तियों को ‘डाइवरजेंट थिंकिंग’ में मदद मिलती है जो उनके क्रिएटिव थॉट प्रोसेस को दर्शाता है। इस रिसर्च में ये बात भी सामने आयी कि व्यक्ति जब प्रॉब्लम-सॉल्विंग या लॉजिकल प्रक्रिया में लगा हो तब संगीत उसकी कोई मदद नहीं कर पाता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ़ मयामी में हुई दूसरी स्टडी में पाया गया कि गाने ना सुनने वाले लोगों के मुक़ाबले में जो लोग गाने सुनते हुए काम करते हैं वो अपने कार्य को उनसे जल्दी पूरा कर लेते हैं और ज़रूरत पड़ने पर अच्छे आईडिया भी देते हैं।
बहरहाल, रिसर्च में लगे लोगों के मुताबिक सही संगीत का चुनाव करके काम में उत्पादकता को बढ़ाया जा सकता है। उदाहरण के लिए, ऐसे गाने जो सरल नहीं हैं या फिर जिनके बोल आपने पहले नहीं सुने हैं, उनकी वजह से आपको काम में फोकस करने में दिक्कत हो सकती है। यदि आप कोई नया गाना भी सुन रहे हैं तब भी आपका ध्यान उस गीत की तरफ ही जायेगा। उस समय आप उस गीत को समझने की कोशिश में लग जाते हैं जिससे आपका काम प्रभावित होता है।
ऊंची धुन वाले गीत सुनने के बजाय आप सुकून देने वाले गाने सुनें। आप ऐसे गीत चुन सकते हैं जिसमें ज़्यादा बोल ना हों। इससे आपको ज़रूर फायदा मिलेगा।