गर्भनिरोधक गोलियां, मुंहासे को भी करती है दूर
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कोलकाता टाइम्स :
सिर्फ़ अनचाहे गर्भ से छुटकारा ही बर्थ कंट्रोल पिल्स का फायदा नहीं है। इसके और भी फायदे है जो महिलाओं को पीरियड में मदद करने के साथ मुंहासे से छुटकारा भी दिलाते हैं।
हालांकि बर्थ कंट्रोल के कई मैथेड होते है लेकिन ज्यादात्तर महिलाएं बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी गोलियां ज्यादा प्रिफर करती हैं। बर्थ कंट्रोल मैथड भी दो तरह के होती है, हॉर्मोनल और नॉन-हॉर्मोनल। मतलब कि हार्मोनल जैसे कि बर्थ कंट्रोल पिल्स जो हॉर्मोन्स में बदलाव लाती हैं और प्रेग्नेंसी रोकती हैं। दूसरा तरीका है कंडोम या कॉपर आईयूडी वगैरह। हॉर्मोनल बर्थ कंट्रोल पिल्स लेने से कई महिलाएं हिचकिचाती भी है लेकिन इसके और भी फायदे हैं।
अधिकत्तर गर्भनिरोधक के पैकेट में 28 गोलियां होती हैं, इनमे 21 एक्टिव पिल ( हार्मोन सहित ) और 7 इनएक्टिव पिल्स शामिल होती है। महिलाओं को आमतौर पर पीरियड्स तब होते हैं जब वो इनएक्टिव पिल्स का सेवन कर री होती है। इसलिए अधिक एक्टिव पिल्स को लेकर भी आप पीरियड्स को आगे बढ़ा सकती हैं। ये पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी ठीक कर सकती हैं।
मुंहासों की समस्या की सबसे आम वजह शरीर में हार्मोन का असंतुलित होना होता है। गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में हार्मोंस को नियंत्रित करने का काम ही करती है। इन गोलियों की वजह से हॉर्मोन्स नॉर्मल होते हैं इसलिए ये एक्ने ठीक करने में मदद करती हैं। इन पिल्स में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन्स होते हैं, ये एक्ने ठीक करने में काफ़ी कारगर होते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां खाने से ऑव्यूलेशन कम होता है और प्रोस्टैग्लैंडिंग का स्त्राव भी कम होता है, बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से हर महीने औरतों के शरीर में एक अंडा ओवरीज़ से निकलकर गर्भाशय में आता है लेकिन अगर ये अंडा गर्भाशय तक आएगा ही नहीं तो गर्भाशय में मरोड़ नहीं उठेगी. न ही क्रैम्पस होते हैं।
जो औरतें कॉम्बिनेशन बर्थ कंट्रोल पिल्स खाती हैं उनको गर्भाशय में कैंसर होने का रिस्क 50 प्रतिशत कम होता है. कॉम्बिनेशन बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी वो पिल्स जिनमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन दोनों हॉर्मोन होते हैं। यहां तक कि इन अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स खाना भी बंद कर दें, तो भी इनका असर अगले 20 सालों तक रहेगा। ये ओवरीज़ में होने वाले कैंसर से भी बचाती हैं।
अधिकत्तर गर्भनिरोधक के पैकेट में 28 गोलियां होती हैं, इनमे 21 एक्टिव पिल ( हार्मोन सहित ) और 7 इनएक्टिव पिल्स शामिल होती है। महिलाओं को आमतौर पर पीरियड्स तब होते हैं जब वो इनएक्टिव पिल्स का सेवन कर री होती है। इसलिए अधिक एक्टिव पिल्स को लेकर भी आप पीरियड्स को आगे बढ़ा सकती हैं। ये पीसीओएस यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम भी ठीक कर सकती हैं।
मुंहासों की समस्या की सबसे आम वजह शरीर में हार्मोन का असंतुलित होना होता है। गर्भनिरोधक गोलियां शरीर में हार्मोंस को नियंत्रित करने का काम ही करती है। इन गोलियों की वजह से हॉर्मोन्स नॉर्मल होते हैं इसलिए ये एक्ने ठीक करने में मदद करती हैं। इन पिल्स में एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन जैसे हॉर्मोन्स होते हैं, ये एक्ने ठीक करने में काफ़ी कारगर होते हैं।
गर्भनिरोधक गोलियां खाने से ऑव्यूलेशन कम होता है और प्रोस्टैग्लैंडिंग का स्त्राव भी कम होता है, बर्थ कंट्रोल पिल्स के सेवन से हर महीने औरतों के शरीर में एक अंडा ओवरीज़ से निकलकर गर्भाशय में आता है लेकिन अगर ये अंडा गर्भाशय तक आएगा ही नहीं तो गर्भाशय में मरोड़ नहीं उठेगी. न ही क्रैम्पस होते हैं।
जो औरतें कॉम्बिनेशन बर्थ कंट्रोल पिल्स खाती हैं उनको गर्भाशय में कैंसर होने का रिस्क 50 प्रतिशत कम होता है. कॉम्बिनेशन बर्थ कंट्रोल पिल्स यानी वो पिल्स जिनमें एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन दोनों हॉर्मोन होते हैं। यहां तक कि इन अगर आप बर्थ कंट्रोल पिल्स खाना भी बंद कर दें, तो भी इनका असर अगले 20 सालों तक रहेगा। ये ओवरीज़ में होने वाले कैंसर से भी बचाती हैं।