कोलकाता टाइम्स :
अपने मासिक धर्म को मॉनीटरिंग करके कई महिलाएं समय रहते इनफर्टिलिटी के बारे में मालूम कर सकती है और इस समस्या का जांच करवा कर वो समय रहते कंसीव भी कर सकती है। आइए जानते है कैसे?
1. ध्यान अगर किसी महिला के मासिक धर्म आने का अंतराल 25 से 30 दिन से ज्यादा हैं तो यह संकेत हो सकता है कि ऑव्यूलेशन नियमित नहीं हैं। एक अध्ययन के अनुसार मासिक धर्म चक्र 25 दिनों से कम रहे उनमें 27 से 29 दिनों तक रहने वालों की अपेक्षा कंसीव करने की क्षमता कम होती है। अगर आप 30 की उम्र के करीब हैं और अनियमित मासिक चक्र हैं तो यह प्रीमेनोपॉज का संकेत हो सकता है।
2. लगभग 12 प्रतिशत इनफर्टिलिटी के मामले वजन को लेकर होते हैं। इसका कारण ये है कि चूंकि आपका बॉडी फैट एस्ट्रोजेन प्रोड्यूस करता है, तो ज्यादा वजन या बहुत कम वजन आपके सामान्य ऑव्यूलेशन में बाधा डाल सकता है।
3. एक अध्ययन में पाया गया कि जो महिलाएं सप्ताह में चार घंटे रनिंग या एरोबिक्स जैसी गतिविधि करने वाली महिलाओं की तुलना में बिना एक्सरसाइज करने वाली महिलाओं की प्रेगनेंट होने की संभावना 47 प्रतिशत कम होती है। लेकिन इसका ये मतलब भी नहीं है कि आप ज्यादा वर्कआउट करें। ज्यादा वर्कआउट करने से शरीर में ऊर्जा की कमी होती है और गंभीर तनाव होने लगता है जो प्रजनन क्षमता को प्रभावित करता है।
4. कई महिलाएं सोचती है कि ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स के ज्यादा सेवन से फर्टिलिटी पर असर पड़ता है। ओरल कॉन्ट्रासेप्टिव्स महिलाओं की फर्टिलिटी को नुकसान नहीं पहुंचाती है बल्कि इसका लगातार उपयोग फर्टिलिटी में लाभ भी पहुंचाता है। एक शोध में सामने आया था कि जो महिलाएं चार साल से ज्यादा समय से पिल्स ले रही थीं, उनके प्रेगनेंट होने की अधिक संभावना थी बजाए उन महिलाओं के जिन्होंने केवल दो सालों से कम समय तक पिल्स ली। शोध के मुताबिक ये पिल ऑव्यूलेशन को रोकता है जो कि कुछ एग सप्लाई को प्रिजर्व करने में मदद करता है।
5. अगर आपकी मम्मी को या नानी को मेनोपॉज जल्दी या देर से हुआ है तो संभावना है कि आपका भी कुछ ऐसा हो। पूरी फर्टिलिटी जीन से भी जुड़ी हो सकती है। कुछ संबंधित स्थितियों जैसे फाइब्रॉएड और एंडोमेट्रियोसिस जैसी समस्या जेनेटिक हो सकती हैं।