यहां जिंदा जलाये गये थे 1.6 लाख लोग
ऑफट्रैकप्लेनेट . कॉम के अनुसार इटली के प्रोवेग्लिया आइलैंड पर 1922 में मेंटल हॉस्पिटल बनाया गया था। लेकिन इस हॉस्पिटल में काम करने वाले डॉक्टर और नर्सो को अक्सर कुछ असामान्य चीजें नजर आती रहती थी, जिसकी वजह से इस हॉस्पिटल को बंद कर दिया गया। कई वर्षो तक ये हॉस्टिपटल वीरान पड़ा रहा।
1960 में इटली की सरकार ने इस आइलैंड को किसी को बेच दिया। आइलैंड का नया मालिक यहां अपने परिवार के साथ रहने लगा। एक दिन इस आइलैंड के मालिक की बेटी के मुंह पर किसी ने काट लिया जिसकी सर्जरी के समय उसके मुंह पर 14 टांकें लगाने पड़े।
लगातार हो रही विपरीत परिस्थतियों के कारण सरकार ने लोगों के इस आइलैंड पर जाना प्रतिबंधित कर दिया। 120 वर्ष पहले इस जगह का प्रयोग प्लेग ग्रस्त लोगों के लिए किया जाता था। प्लेग के मरीजों को यहां छोड़ दिया जाता था जिससे और लोगों तक ये संक्रमण न फैल सके। इसके बाद अन्य प्राणघातक बीमारियों के लिए भी इस जगह का इस्तेमाल होता रहा। इन बीमारियों से मर जाने के बाद भी लोगों को यहां दफना दिया जाता था। जब यहां पर मरीजों की संख्या 1 लाख 60 हजार तक पहुंच गयी तो उन्हें जिंदा जला दिया गया। इसके बाद से इस स्थान को संक्रमित माना जाता है, यहां किसी का भी आना बैन है।