May 20, 2024     Select Language
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कैंसर जैसी बीमारी को मात देती है यह पहाड़ी फल 

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कोलकाता टाइम्स : 
‘काफल’ के बारे में सुना है। ये एक ऐसा फल है जो शरीर को कई तरह से फायदा पहुंचाती हैं। छोटा सा दिखने वाला ये फल कैंसर जैसी बड़ी बीमारी को भी मात दे सकती है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के जंगलों में पाया जाता है। वैसे तो ये फल ज्‍यादात्तर गर्मियों के सीजन मतलब साल में दो माह मई और जून में पहाड़ी इलाको में बिकता हुआ दिखाई देता है।
जंगली पेड़ों में उगने वाला यह फल विभिन्न औषधीय गुणों से भरपूर है। साथ ही इसका मीठा और रसीला स्‍वाद भी खाने में मीठा होता है। काफल देखने में लीची जैसा दिखता है। काफल के बाहर एक रसीली परत होती है जबकि अंदर एक छोटी सी सख्त गुठली होती है। इस फल को गुठली सहित खाया जाता है। आइए जानते है इस पहाड़ी रसीले फल के फायदों के बारे में।

इस फल में कई तरह के प्राकृतिक तत्‍व पाए जाते हैं। जैसे माइरिकेटिन, मैरिकिट्रिन और ग्‍लाइकोसाइड्स इसके अलावा इसकी प‍त्तियों में फ्लावे -4′ और हाइड्रोक्‍सी-3 पाए जाते है।

काफल के बारे में डॉक्टरों का कहना है कि काफल फल औषधि की तरह काम करता है। कैंसर जैसी जानलेवा बीमारियों की रोकथाम के अलावा काफल गर्मी में लगने वाली लू के लिए भी काफी फायदेमंद है। हालांकि अभी तक यह फल जंगलों में ही पाया जाता है।
काफल के पेड़ की छाल से निकलने वाले सार को दालचीनी और अदरक के साथ मिलाकर इसका सेवन करते हो तो आप पेचिश, बुखार, फेफड़ों की बीमारियां, अस्थमा और डायरिया आदि रोगों से आसानी से बच सकते हो। यही नहीं इसकी छाल को सूंघने से आंखों के रोग व सिर का दर्द आदि रोग ठीक हो सकते हैं।
इस प्राकृतिक फल में मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व पेट से संबंधित रोगों को खत्म करते हैं। इसके फल से निकलने वाला रस शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा देता है।
काफल एक रसीला फल है इसको नमक के साथ खाने का अलग ही मजा है। लोग इसे सेंधे नमक के साथ खाना पंसद करते हैं क्योंकि इससे इसका स्वाद और भी बढ़ जाता है।
काफल के फूल का तेल कान दर्द, डायरिया तथा लकवे की बीमारी में उपयोग में लाया जाता है। इस फल का उपयोग औषधी तथा पेट दर्द निवारक के रूप में होता है

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