बैशाख आपके लिए रहेगा खास, क्योंकि…
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कोलकाता टाइम्स :
वैशाख महीने में तीर्थ में स्नान करने, पितरों को तर्पण करने और फलों का दान करने का विशेष महत्व है। इस बार वैशाख मास 20 अप्रैल शुक्रवार से शुरू हो गया है।
वैशाख महीने में विष्णु भगवान की पूजा और पीपल को पानी चढ़ाने का बहुत महत्व है। भगवान विष्णु की तुलसी पत्र से पूजा की जाती है। भगवान विष्णु को सुबह, दोपहर और शाम को राम व श्याम तुलसी चढ़ाई जाती है, मान्यता है कि ऐसा करने से पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस महीने में तीर्थ स्नान के बाद पीपल को जल व कच्चा दूध चढ़ाकर दीपक लगाने की शास्त्रोक्त परंपरा है।
ये हैं वैशाख मास के मुख्य व्रत, त्योहार30 अप्रैल- वरुथिनी एकादशी, वल्लभाचार्य जयंती 2 मई- प्रदोष व्रत 4 मई- शनिश्चरी अमावस्या 7 मई- अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती 9 मई- शंकराचार्य जयंती 10 मई- रामानुजाचार्य जयंती 13 मई- सीता नवमी 15 मई- मोहिनी एकादशी 16 मई- प्रदोष 17 मई- नृसिंह जयंती 18 मई- बुद्ध जयंती, कुर्म जयंती, वैशाख पूर्णिमा
- वैशाख मास में बनेंगे ये शुभ योग
1. सर्वार्थ सिद्धि योग20 अप्रैल- सुबह 6.10 से शाम 6.02 22 अप्रैल- सुबह 6.10 से शाम 4.40 तक 26 अप्रैल- सूर्यास्त से पूरी रात 02 मई – दोपहर 1 से अगली सुबह तक 06 मई- शाम 4.40 से पूरी रात 09 मई- दोपहर 3.19 से 10 मई- दोपहर 2.21 15 मई- सुबह 7.18 से पूरी रात
2. रवि योग 24 अप्रैल- शाम 6.40 से 25 अप्रैल- शाम 8.40 तक 05 मई- सूर्योदय से शाम 4 बजे तक 07 मई- शाम 4.30 बजे से रात 12 बजे तक 09 मई- दोपहर 3.22 से 10 मई- सुबह 7.40 तक 13 मई- सुबह 10.40 से सूर्यास्त तक 16 मई – मध्य रात्रि से 17 मई मध्य रात्रि तक
3. अमृत सिद्धि योग 03 मई – सूर्योदय से दोपहर 3 बजे तक