महासागर में फैला सारा तेल पीकर ख़त्म कर
बता दें कि मारियाना ट्रेंच (Mariana Trench) पश्चिमी प्रशांत महासागर में करीब 11,000 मीटर की गहराई पर स्थित है। अध्ययन का नेतृत्व करने वाले चीन (chaina) के ‘ओशन विश्वविद्यालय’ के शियो हुआ झांग ने कहा, ‘‘ हमें महासागर के सबसे गहरे हिस्से के बजाय मंगल ग्रह के बारे में अधिक पता है।’’
अभी तक कुछ ही लोगों ने इस पारिस्थितिकी तंत्र में रहने वाले जीवों के बारे में अध्ययन किया है। ब्रिटेन के ‘ईस्ट एंग्लिया विश्वविद्यालय’ के जोनाथन टोड (jonathan todd) ने कहा, ‘‘ हमारा दल मारियाना ट्रेंच (Mariana Trench) के सबसे गहरे हिस्से में लगभग 11,000 मीटर नीचे माइक्रोबियल जीवाणु के नमूने लेने गया। हमने लाए गए नमूनों का अध्ययन किया और हाइड्रोकार्बन डिग्रेडिंग बैक्टीरिया (Hydrocarbon-degrading bacteria) के एक नए समूह का पता लगाया।’’
टोड ने एक बयान में कहा, ‘‘ हाइड्रोकार्बन कार्बनिक यौगिक हैं। जो हाइड्रोजन और कार्बन परमाणु के बने होते हैं। ये कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस सहित कई स्थानों पर पाए जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ इस तरह के सूक्ष्मजीव तेल में मौजूद यौगिकों को खा जाते है, और फिर ईंधन के रूप में इसका इस्तेमाल करते हैं। इस तरह के सूक्ष्मजीव प्राकृतिक आपदा से हुए तेल रिसाव को समाप्त करने में भी अहम भूमिका निभाते हैं। ’’