वायु प्रदूषण पूरा मिटा सकता है घर में लगाया यह पौधा
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कोलकाता टाइम्स :
इस धरती के हालात पहले ऐसे कतई नहीं थे जैसे हालात आज हम देख रहे हैं। स्वर्ग सी सुंदर इस धरती को लालची मानव ने नर्क बना दिया। आज अपने फायदे के लिए मानव प्राकृतिक संसाधनों का अंधाधुंध दोहन कर रहा है। अपने लालच को सिद्ध करने के लिए वह इस सत्य को भुला बैठा है कि ऐसा करके वह प्रत्यक्ष व अप्रत्क्ष रूप से अपने आप को ही नुकसान पहुंचा रहा है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने कहा था, ‘पृथ्वी सभी मनुष्यों की जरूरत पूरी करने के लिए पर्याप्त संसाधन प्रदान करती है, लेकिन लालच पूरा करने के लिए नहीं।’ यह मानवीय कृत्यों का ही नतीजा है कि देश-दुनिया में तमाम प्राकृतिक संसाधन तेजी से घटते जा रहे हैं, जिनकी वजह से ग्लोबल वार्मिंग, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण जैसी तमाम समस्याएं हमारे सामने मुंह-बाहे खड़ी हैं।
ऐसे समय में जब पर्यावरण के संबंध में दुनियाभर से केवल नकारात्मक खबरें ही सुनने को मिल रही हैं भारत के एक पर्यावरणविद् और प्रोफेसर ने बेहद अच्छी खबर सुनाई है। यह खबर दुनिया के हर नागरिक के हित में है। जी हां, बरेली कॉलेज के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. डीके सक्सेना ने ‘मॉस प्लांट’ पर रिसर्च कर उसकी खूबियों को जनता के सामने रखा है। यकीन मानिए इस पौधे की खूबियां सुनकर आपका चेहरा चमक उठेगा।
यह पौधा प्रदूषण पर दोगुनी रफ्तार से वार करता है। वातावरण में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर पर यह तेजी से वार करने में सक्षम है। अन्य पेड़-पौधों की तुलना में यह बेहद छोटा और खूबसूरत भी है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि यह पौधा मानव जाति के लिए बेहद भरोसेमंद साबित हो सकता है। पर्यावरणविदों का मत है कि अगर इस पौधे के बस चार गमले एक कमरे में लगा दिये जाएं तो कमरे में मौजूद प्रदूषकों में 15 फीसदी की कमी लाई जा सकती है।
इन खूबियों के अलावा इसमें एक खासियत यह भी है कि यह पौधा सूरज की रोशनी पर निर्भर नहीं रहता। यह एलईडी से ही अपना काम चला लेता है। अन्य पौधों की तुलना में इसका रख-रखाव भी बेहद आसान है मसलन, अन्य पौधों के मुकाबले इसे काफी कम पानी की जरूरत पड़ती है।
इस पौधे पर फंगस या बैक्टीरिया भी जल्द अटैक नहीं करते। यहां तक की कुछ दिनों तक पानी न मिलने की स्थिति में भी यह सूखता नहीं है। यह पौधा रात में भी प्रदूषण को कम करना जारी रखता है। इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है। अपने छोटे स्वरूप की वजह से यह आसानी से गमले में आ जाता है और ज्यादा स्थान नहीं घेरता।
प्रोफेसर डीके सक्सेना ने कहा कि उन्होंने अपनी रिसर्च की रिपोर्ट केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय को भेज दी है। रिपोर्ट में उन्होंने बताया है कि अधिकांश पौधे दिन में प्रदूषण के कण अवशोषित करते हैं, जबकि मॉस प्लांट दिन के अलावा रात में भी प्रदूषण पर वार करता है।
कुल मिलाकर ऐसे समय में जब वायु प्रदूषण से मरने वालों की संख्या का आंकड़ा लगातार बढ़ता रहा है, यह पौधा एक उम्मीद लेकर आया है। अगर प्रदूषण से बचना है तो आपको इस पौधे को बिना देरी किये खरीद लेना चाहिए और अपने घर में स्थापित करना चाहिये।