इस गांव में महिलाएं निकलवा देती है गर्भाशय, वजह कर देगा हैरान !
कोलकाता टाइम्स :
दरअसल महाराष्ट्र के बीड़ जिले की गाजीपुर महिलाएं रोजगार के लिए गर्भाशय को निकला रही हैं, ताकि उनका काम प्रभावित न हो और वो मासिक धर्म पर लगने वाले जुर्माने से बच सकें।
महाराष्ट्र के बीड़ जिले के हाजीपुर गांव को गन्ना श्रमिकों के वजह से जाना जाता है जो गन्ने के कटाई का काम करते है। श्रमिक अपना घर चलाने के लिए गन्ना की कटाई के दौरान महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में चले जाते हैं। महाराष्ट्र में सूखे के हालात होने के वजह से यहां श्रामिकों की संख्यां में इजाफा हुआ है।
आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि महाराष्ट्र के वनजारवाड़ी गांव में दो या तीन बच्चों को जन्म देने के बाद महिलाओं का गर्भाशय निकलवाना एक ‘चलन’ बन गया गया है। गांववालों का मानना है कि गर्भाशय की वजह से महिलाओं के काम पर असर पड़ता है। दरअसल, इसके पीछे वह पीरियड्स या मासिक धर्म को जिम्मेदार मानते हैं। उनको लगता है कि पीरियड्स की वजह से काम प्रभावित होता है और काम के दौरान अवकाश लेने से उन पर जुर्माना लगता है।
इस रिपोर्ट में जो बात सामने आई है वो बहुत हैरान कर देने वाली है कि कटाई करने आए पति और पत्नी को एक यूनिट माना जाता है। अगर दोनों में से कोई एक भी छुट्टी लेता है तो कॉन्ट्रैक्टर को 500 रुपये जुर्माना चुकाना पड़ता है।
दरअसल इस गांव में गन्ना की कटाई करने वाला ठेकेदार पूरे साल भर की कटाई का ठेका लेता है। जिसकी वजह से एक तय समय के अंदर उन्हें अपना कॉन्ट्रेक्ट पूरा करना होता है। ऐसे में उन्हें ऐसे श्रामिकों की जरुरत होती है जो बिना छुट्टी लिए काम कर सकें। काम जल्दी हो जाएं इस वजह से ठेकेदार बिना गर्भाशय वाली महिलाओं को काम पर रखना पसंद करते हैं क्योंकि उनके अनुसार, मासिक धर्म पर होने वाली महिलाओं को अधिक छुट्टियों की आवश्यकता पड़ती है, जिसका असर सीधा काम पर पड़ता है।
रिपोर्ट के अनुसार गर्भाशय निकालने वाली महिलाओं में 25 साल की महिलाएं भी शामिल है क्योंकि इस क्षेत्र में रोजगार का सिर्फ यही साधन हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि जिन महिलाओं को ये सर्जरी करानी होती है वो कॉन्ट्रैक्टर से ही एडवांस में पैसे लेती हैं और धीरे-धीरे अपनी दिहाड़ी से कटवाती रहती हैं।