July 3, 2024     Select Language
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जानलेवा बीमारी का खतरा बढ़ाता है घर के ये दो वास्तुदोष

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कोलकाता टाइम्स : 
लोग भले ही आज के जमाने में मॉर्डन हो गए हों लेकिन फिर भी कहीं न कहीं धर्म से जुड़ ही जाते हैं। जैसे आजकल लोग जब अपना घर बनवाते हैं तो हर मुमकिन कोशिश करते हैं की उनका घर सबसे अच्छा दिखे। इसके लिए उसकी बनावट से लेकर उसकी सजावट तक हर चीज का बारीकी से ध्यान रखा जाता है।

हर कोई अपने घर को सुंदर और आकर्षित बनाए रखना चाहता है। घर की सुंदरता के साथ-साथ लोग उसके वास्तु का भी ध्यान रखते हैं। हर कोई दिशा और वास्तु के अनुसार ही अपने घर के निर्माण और सौंदर्यकरण में लग जाता है। बता दें कि केवल घर को सजाने के लिए ही वास्तु का ध्यान नहीं रखा जाता बल्कि इस बात का ध्यान शुरुआत से ही रखना चाहिए।

जी हां घर को बनवाना जब शुरू करें तभी से इस बात का खास ख्याल रखें की वास्तु के अनुसार सब है या नहीं? कुछ बातें वास्तु के अनुसार होना बेहद अहम होता है क्योंकि इनका असर घर में रहने वालों के जीवन पर पड़ता है। वास्तुशास्त्र में कहा गया है कि घर में नकारात्मकता तब बढ़ती है जब घर की बनावट अस्थायी हो। इससे केवल घर ही नहीं बल्कि घर में रहने वाले परिवार के हर सदस्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने लगता है। वहीं घर और उसमें रह रहे परिवार के हर सदस्य ये सकारात्मकता पूरी तरह दूर हो जाती है।

जब दिमागी रूप से इंसान और उसके आस-पास रहने वाले सभी लोग नकारात्मक होंगे तो परिवार में आपस में प्रेम कम हो जाएगा और इसका सीधा असर परिवार के हर सदस्य की सेहत पर भी दिखेगा। सभी की सेहत पर नकारात्मकता का बुरा प्रभाव पड़ेगा। वास्तु के अनुसार किसी भी सदस्य की सेहत पर बड़ा असर भी पड़ सकता है। यहां तक की परिवार का कोई सदस्य बड़े, भयानक और जानलेवा रोग कैंसर से भी पीड़ित हो सकता है।

वास्तुशास्त्र विशेषज्ञों ने बताया कि घर में दो वास्तु दोष होने वाले परिवार के किसी एक सदस्य को कैंसर होना आम है। इन दो वास्तुदोष में से एक वास्तुदोष घर के ईशान कोण के भाग में होता है। ये दोष होता है यदि घर का ईशान कोण गोल हो, कटा हुआ हो, दबा हुआ हो या घर का ईशान कोण जरूरत से ज्यादा बढ़ा हुआ हो। साथ ही ये दोष तब भी होता है जब घर की अन्य दिशाओं की तुलना में ईशान कोण ऊंचा होता है।

दूसरा वास्तुदोष होता है घर के दक्षिण पश्चिम दिशा या आग्नेय, वायव्य और नैऋत्य कोण में। इस दोष से ये तय होता है कि शरीर के किस हिस्से में कैंसर होगा। इन दो दोष के कारण कैंसर का खतरा बढ़ जाता है।

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